हिमाचल में 12 सितंबर तक धीमा रहेगा मॉनसून, कुल्लू में मलबे से निकाला एक और शव

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शिमला{ गहरी खोज }: हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की भारी बारिश से अगले कुछ दिनों तक राहत मिलने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार आगामी 12 सितंबर तक प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है, लेकिन किसी तरह का अलर्ट या चेतावनी नहीं जारी की गई है। आज शनिवार को राजधानी शिमला और कुछ अन्य जिलों में बारिश हुई, जबकि कुछ क्षेत्रों में बादल छाए रहे और कुछ जगहों पर धूप भी खिली। बीते 24 घंटों में बिलासपुर जिले के नैनादेवी में सबसे अधिक 136 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
कुल्लू के इन्नर अखाड़ा बाजार में बीते दिनों हुए भूस्खलन में दबे लोगों को निकालने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी रहा। यहां 3 और 4 सितंबर को दो अलग-अलग भूस्खलन की घटनाओं में कुल 9 लोग मलबे में दब गए थे। इनमें से आठ लोगों के शव निकाल लिए गए हैं। 3 सितंबर को दबे एनडीआरएफ के सदस्य नरेंद्र पुत्र सुखराम का शव आज निकाला गया। 4 सितंबर को भूस्खलन की चपेट में आए बकार अहमद मीर, हुसैन लोन और ताहिर दीन अहमद शेख के शव भी निकाले गए हैं। एक व्यक्ति की खोज अभी भी जारी है। प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, इस मॉनसून सीजन में अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है, 41 लोग लापता हैं और 426 घायल हुए हैं। जिलेवार आंकड़ों में सबसे अधिक मौतें मंडी में 59, कांगड़ा में 50, चंबा में 43, शिमला में 39, कुल्लू में 38, किन्नौर में 28, सोलन में 26, उना में 22, बिलासपुर और सिरमौर में 18-18, हमीरपुर में 16 और लाहौल-स्पीति में 9 दर्ज की गई हैं। बारिश के कहर से 1984 पशु और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की भी मौत हुई है।
प्रदेश में अब तक 6025 कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 1159 पूरी तरह ढह गए हैं। इसके अलावा 455 दुकानें और 5113 पशुशालाएं भी धराशायी हो गई हैं। प्रारंभिक आकलन के अनुसार सार्वजनिक संपत्ति को 4079 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 2743 करोड़, जलशक्ति विभाग को 2518 करोड़ और ऊर्जा विभाग को 139 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
भारी भूस्खलन और बारिश के कारण सड़कें और राष्ट्रीय राजमार्ग भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। शनिवार शाम तक प्रदेश में तीन नेशनल हाइवे और 897 सड़कें अवरुद्ध थीं। बंद नेशनल हाइवे में कुल्लू का एनएच-3 और एनएच-305 तथा लाहौल-स्पीति का एनएच-505 शामिल हैं। कुल्लू जिले में 225 सड़कें, मंडी में 198, शिमला में 167, चंबा में 116, सिरमौर में 48 और कांगड़ा में 42 सड़कें बंद हैं। शिमला के ऊपरी इलाकों में लिंक रोड अवरुद्ध रहने से सेब बागवानों की फसल समय पर मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही है।
भारी बारिश के चलते बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। प्रदेश में 1497 ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं, जिनमें कुल्लू के 867, मंडी के 218, शिमला के 200 और चंबा के 142 शामिल हैं। पेयजल योजनाओं पर भी असर पड़ा है और 388 योजनाएं ठप हैं, जिनमें शिमला की 187, मंडी की 79, कुल्लू की 63 और चंबा की 30 शामिल हैं।
मॉनसून सीजन के दौरान अब तक हिमाचल प्रदेश में 135 भूस्खलन, 95 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। लाहौल-स्पीति में 27 भूस्खलन और 56 फ्लैश फ्लड दर्ज हुए हैं, जबकि मंडी जिला बादल फटने की 19 घटनाओं के साथ सबसे अधिक प्रभावित रहा है।

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