भगवान महावीर के विचार आज भी देश-दुनिया में यथार्थ : ओम बिरला

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अशोक नगर{ गहरी खोज }: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भगवान महावीर के विचार आज भी देश-दुनिया में यथार्थ(उचित)हैं।उन्होंने कहा कि पर्युषण पर्व का विशेष महत्‍व है। जैन समाज ही नहीं बल्कि सृष्टि पर रहने वाले हर व्‍यक्ति को पर्युषण पर्व के महत्‍व को समझना चाहिए। हमारे जीवन के अंदर हम नैतिकता, क्षमा, करूणा लाएं और अपने जीवन के अंदर हमेशा सत्‍य, अहिंसा और करुणा का भाव रखें। पर्युषण पर्व के दस लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि सबके साथ एक जैसा भाव, हमेशा कल्‍याण का भाव होना चाहिए।

लोकसभा अध्यक्ष बिरला शुक्रवार को मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में दिगम्बर मुनि सुधा सागर महाराज के 32वें श्रावक संस्‍कार शिविर को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अपनी आत्‍मा के कल्‍याण के लिए आत्‍मविशेषण हो, आत्‍मचिंतन- आत्‍मशुद्धि हो। इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता। उसके बाद क्षमा क्रोध, लोभ, मोह सब त्‍याग करना। कितना भी क्रोध हो, उसका त्‍याग करना चाहिए। भगवान महावीर के विचार आज भी देश-दुनिया में यथार्थ हैं। तीर्थंकर भगवान महावीर ने कहा था कि सत्‍य, अहिंसा और शांति ही दुनिया का संदेश है। आज अंहिसा और शांति ही दुनिया के लिए संदेश है। उसी संदेश को हम देश-दुनिया में पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। जैन दर्शन आज दुनिया का दर्शन बन चुका है।

लोकसभा अध्यक्ष ने इससे पहले शिविर में शामिल होकर यहां निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागर महाराज से श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्‍त किया। उन्होंने कहा कि आचार्य परम्‍परा के गौरव राष्‍ट्रसंत मुनि पुंगव श्रीश्री 108 सुधासागर महाराज के चरणों में नमस्‍तु नमस्‍तु। आचार्यश्री जहां भी जाते हैं, जिस नगर से गुजरते हैं, जिस शहर-गांव से निकलते हैं, वह सारा क्षेत्र धर्ममय हो जाता है। गुरू के इन चरणों की इस माटी से ही उस क्षेत्र की जनता में आध्‍यात्‍मिक, धर्म, संस्‍कृति की नैतिकता का प्रभाव हो जाता है। उन्‍होंने कहा कि देशभर से आए 32वें श्रावक संस्‍कार शिविर में सभी भक्‍तों में प्रणाम करता हूं। हम सबको आचार्य जी के चरणों में नमन करने का सौभाग्‍य मिला है। आचार्य जी की कृपा है कि समय समय पर आशीर्वाद देते हैं, हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

उन्होंने कहा कि गुरुदेव का आशीर्वाद, मार्गदर्शन, उनका ज्ञान मुझे हमेशा नई दिशा एवं प्रेरणा देता है। अभी भी गुरूदेव ने मुझे ज्ञान दिया, जो दायित्‍व आपका है, वह कैसा होना चाहिए। निष्‍पक्ष, निर्बाध एवं संभव होना चाहिए। हम सब जब गुरु के चरणों में जाते हैं तो गुरू की तप-तपस्‍या उनके जीवन ही हमारे लिए जीवंत पाठशाला है। उनका दर्शन ही हमारे जीवन का पाठशाला है। उनका दर्शन मिल जाए, उनके मुख से हमें वाणी मिल जाए। उन्‍होंने कहा कि निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागर महाराज का आशीर्वाद सदा बना रहे।

निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागर महाराज ने शिविर में संबोधित करते हुए कहा कि परम भक्‍त शिष्‍य लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला सौम्‍य, सहज एवं सरल स्‍वभाव तथा हमेशा मुस्‍कुराते रहने वाले व्‍यक्ति हैं। उन्‍होंने कहा कि जो व्‍यक्ति आचार और विचारों को लेकर चलने वाले हमारे राष्‍ट्र के प्रति समर्पित हो, वही हम साधु-संतों की संस्‍कृति होती है। हम लोग सदा धर्म के क्षेत्र में रहते हुए भी राष्‍ट्र को संस्‍कारवान देखना चाहते हैं। राष्‍ट्र की संस्‍कृति ऐसी आदर्श संस्‍कृति हो, जो विश्‍व में एक अलग स्‍वर्णमयी इतिहास रचे। उन्‍होंने कहा कि अच्‍छे लोग, बिरला जैसे लोग देश के ऊपर कमाण्‍डिंग करेंगे तो देश में जरूर सौहार्द बनेगा। हमारा देश का कोई पक्ष-विपक्ष नही होता। हमारे देश में रहने वाला हर व्‍यक्ति हमारा नागरिक होता है। जब हम नागरिक की विहंग दृष्टि डालते हैं, वह ऐसे पदों को हमारे कानून ने स्‍थापित किया है। देश में सर्वोच्‍च पदों पर बैठने वालों के आदर्श मिलते हैं, उनके आदर्शों एवं उद्देश्‍यों से प्रेरणा लेते हैं और सकारात्‍मक सोच मिलती है। उन्‍होंने कहा कि भारत इंडिया नहीं, भारत ही रहे। गुरु का सपना था, उसे हम सब मिलकर पूरा करेंगे।

इस अवसर पर राजस्‍थान सरकार के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, नगरपालिका अध्‍यक्ष नीरज मनोरिया, भाजपा जिला अध्‍यक्ष आलोक तिवारी, कलेक्‍टर आदित्‍य सिंह, पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार जैन सहित जनप्रतिनिधिगण एवं बडी संख्‍या में शिविरार्थी एवं जैन समाज के अनुयायी उपस्थित रहे।

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