मध्‍य प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में आया 32,500 करोड़ का निवेश, 17,000 लोगों को मिलेगा रोजगार

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* 17 हजार को मिलेगा रोजगार
भोपाल{ गहरी खोज }: मध्‍य प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र आया 32,500 करोड़ का निवेश आया है। यह प्रदेश सरकार की निवेश परक सार्थक प्रयासों और विकासउन्मुख नीतियों सकारात्मक परिणाम बताया जा रहा है। टोरेंट पॉवर और अडानी पॉवर जैसी बड़ी कंपनियों ने तो अब ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रदेश में काम करना भी शुरू कर दिया है। टोरेंट पॉवर कंपनी 22 हजार करोड़ और अडानी पॉवर कंपनी 10 हजार 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 17,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

जनसंपर्क अधिकारी क्रांतिदीप अलूने ने शुक्रवार को बताया कि मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निवेश संवर्धन प्रयासों के फलस्वरुप ऊर्जा क्षेत्र और ज्यादा मजबूत हो रहा है। ऊर्जा सुरक्षा बढ़ रही है। मध्य प्रदेश पॉवर सरप्लस राज्य के रूप में पहचान बना चुका है। ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयासों से अब इस क्षेत्र में नया निवेश आ रहा है। उन्होंने बताया कि टोरेंट पॉवर 1600 मेगावॉट थर्मल प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश में 22 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। टोरेंट पॉवर लिमिटेड को एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीपीएमसीएल) से 1,600 मेगावॉट के कोयला आधारित बिजली संयंत्र की स्थापना के लिए लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) दे दिया है। यह अहमदाबाद-स्थित समूह द्वारा बिजली क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।

अलूने ने बताया कि यह परियोजना ग्रीनफील्ड 2×800 मेगावॉट की अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित होगी और इसे डिजाइन, निर्माण, वित्तपोषण, स्वामित्व और संचालन (डीबीएफओओ) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। टोरेंट इस संयंत्र की पूरी क्षमता एमपीपीएमसीएल को 25 साल की पॉवर परचेज एग्रीमेंट पॉवर परचेस एग्रीमेंट के तहत 5.829 रुपये प्रति यूनिट की दर से आपूर्ति करेगा। यह परियोजना पीपीए पर हस्ताक्षर होने के 72 महीनों के भीतर चालू होनी है। परियोजना लागत का लगभग 70% ऋण के माध्यम से पूरा किया जाएगा।

इस संयंत्र के लिए कोयले का आवंटन एमपीपीएमसीएल द्वारा केंद्र सरकार की शक्ति नीति के अंतर्गत किया जाएगा। यह परियोजना अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित होगी, जिससे पारंपरिक थर्मल यूनिट्स की तुलना में बेहतर दक्षता और कम उत्सर्जन मिलेगा। टोरेंट पॉवर का यह निवेश केंद्र सरकार के 2032 तक 80 गीगावॉट अतिरिक्त कोयला आधारित क्षमता के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे ग्रिड को स्थिर करने के लिए आवश्यक बेसलोड क्षमता जुड़ेगी। इस परियोजना के निर्माण के दौरान 10 हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।

उन्होंने बताया कि अडानी पॉवर मध्य प्रदेश में 800 मेगावॉट का ताप विद्युत संयंत्र 10 हजार 500 करोड़ रुपये की लागत से विकसित कर मध्य प्रदेश को बिजली आपूर्ति करेगी। इस परियोजना के तहत 800 मेगावॉट की क्षमता वाला एक नया ताप विद्युत संयंत्र स्थापित किया जाएगा। यह संयंत्र अनूपपुर जिले में स्थित होगा। संयंत्र को 54 महीनों में चालू किया जाएगा। यह कदम प्रदेश की ऊर्जा सुरक्षा को और मजबूत करेगा। एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीपीएमसीएल) अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत संयंत्र विकसित करने और उससे बिजली आपूर्ति के लिए लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) दे चुकी है। यह संयंत्र डिजाइन, निर्माण, वित्त, स्वामित्व और संचालन (डीबीएफओओ) मॉडल के तहत स्थापित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, देश की बिजली की मांग, विशेष रूप से बेस लोड पॉवर की मांग, लगातार बढ़ रही है। ऐसे में ऊर्जा अधोसंरचना में निवेश अत्यंत आवश्यक है, जिससे बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। अनूपपुर संयंत्र विश्वसनीय, सस्ती और प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर बिजली उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह न केवल भारत बल्कि मध्यप्रदेश की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत करेगा और राज्य के सतत विकास को गति देगा। इस संयंत्र के लिए कोयले की आपूर्ति भारत सरकार की ‘शक्ति योजना’ के तहत मध्य प्रदेश को आवंटित की गई है। परियोजना निर्माण चरण में 7,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा और चालू होने के बाद इसमें लगभग एक हजार स्थायी कर्मचारी कार्यरत होंगे।

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