राज्यपाल ने 19 शिक्षकों को राज्य पुरस्कार से किया सम्मानित

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शिमला{ गहरी खोज }: शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शुक्रवार को शिमला में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में 19 शिक्षकों को राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके साथ ही महाविद्यालयों और तकनीकी शिक्षा संस्थानों के 19 शिक्षकों को भी इस वर्ष पहली बार उत्कृष्टता प्रमाण-पत्र और पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर उन्होंने एक शिक्षक को वर्ष 2024 के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से अलंकृत किए जाने की भी घोषणा की।
समारोह में राज्यपाल ने शिक्षक दिवस की सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे दुर्गम भौगोलिक क्षेत्र में शिक्षकों का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान का प्रकाश ही नहीं देते, बल्कि मानवता, नैतिकता और राष्ट्रीय चेतना’’ भी विद्यार्थियों में जागृत करते हैं।
राज्यपाल ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, महात्मा गांधी, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसे महान शिक्षकों को याद करते हुए कहा कि इन महापुरुषों के विचार और कार्य आज भी शिक्षकों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यही मानना है कि शिक्षक एक सशक्त भारत की नींव रखते हैं।
राज्यपाल ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे कक्षाओं की सीमाओं से बाहर निकलकर नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रखा जा सकता, बल्कि उसमें संवेदनशीलता, सामाजिक जिम्मेदारी और व्यवहारिकता भी शामिल होनी चाहिए।
राज्यपाल ने ’’राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’’ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह नीति भारतीय मूल्यों, ज्ञान परंपरा और नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस नीति के माध्यम से छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश ने परख 2025 सर्वेक्षण में राष्ट्रीय स्तर पर 5वां स्थान हासिल किया है, जो राज्य की शिक्षा व्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है। इसके लिए उन्होंने पूरे शिक्षण समुदाय को बधाई दी।
राज्यपाल ने शिक्षकों से नशामुक्त हिमाचल अभियान में सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों को नशे से दूर रखने में ’’महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जिससे राज्य का भविष्य सुरक्षित होगा।
प्राकृतिक आपदाओं की पुनरावृत्ति को देखते हुए राज्यपाल ने पर्यावरण संरक्षण पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि अनियोजित विकास और वनों की कटाई से हिमाचल की प्राकृतिक विरासत को नुकसान हो रहा है, जिसे रोकने के लिए हम सभी की जिम्मेदारी बनती है।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों के लिए विदेश भ्रमण, छात्रों के लिए शैक्षणिक भ्रमण, और राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल योजना जैसे कई नई पहलें शुरू की गई हैं। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने भी सभी पुरस्कृत शिक्षकों को बधाई दी और पहली बार तकनीकी शिक्षा क्षेत्र के शिक्षकों को सम्मानित किए जाने पर राज्यपाल का आभार व्यक्त किया।

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