अमेरिका ने कहा बंधकों को रिहा करें हमास सरेंडर करे या गाजा की बर्बादी देखें : इजरायल

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यरुशलम{ गहरी खोज }: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ चेतावनी देते हुए कहा कि हमास को तुरंत सभी 20 बंधकों को रिहा करना चाहिए। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया नेटवर्क पर लिखा, हमास को तुरंत सभी 20 बंधकों को रिहा करना होगा। ऐसा होते ही हालात तेजी से बदल जाएंगे और यह युद्ध खत्म हो जाएगा। ट्रंप ने इस मुद्दे पर और कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उनके बयान से साफ है कि अमेरिका हमास पर तत्काल दबाव बनाने के पक्ष में है।
दूसरी ओर, हमास ने बयान जारी कर कहा है कि वह सभी बंधकों को छोड़ने को तैयार है, लेकिन शर्त यह है कि युद्ध पूरी तरह खत्म हो और इजराइली सेना गाजा से पीछे हटे। संगठन का दावा है कि उसने दो हफ्ते पहले युद्धविराम प्रस्ताव स्वीकार किया था और अब भी इजराइल की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है। हमास ने कहा है कि वह एक व्यापक समझौते के लिए तैयार है, जिसमें ‘प्रतिरोध’ के पास मौजूद सभी बंधकों को रिहा किया जाएगा और बदले में इजराइल को तय संख्या में फिलीस्तीनी कैदियों को रिहा करना होगा। समूह का कहना है कि इस समझौते से गाजा में युद्ध खत्म होगा, इजराइली सेना की पूरी तरह वापसी होगी, बॉर्डर क्रॉसिंग्स खुलेंगी और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। संगठन ने यह भी संकेत दिया कि वह गाज़ा प्रशासन चलाने के लिए ‘तकनीकी विशेषज्ञों की स्वतंत्र राष्ट्रीय सरकार’ बनाने को तैयार है। हालांकि, इजरायल का रुख सख्त है। वह तभी किसी सौदे पर सहमत होगा जब हमास आत्मसमर्पण करे और पूरी तरह से हथियार डाल दे।
इधर, इजरायल के रक्षा मंत्री इस्रराइल काट्ज ने चेतावनी दी है कि अगर हमास ने शर्तें नहीं मानीं, तो गाजा सिटी का हाल भी रफा और बेइत हनून जैसा कर दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि हमास अब भी धोखे और खोखले बयानों का सहारा ले रहा है। काट्ज ने कहा कि युद्ध खत्म करने के लिए इजराइल की शर्तें साफ हैं- सभी बंधकों की रिहाई और हमास का निरस्त्रीकरण। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इजरायल को चेतावनी दी है कि यदि उसने कब्जे वाले वेस्ट बैंक को अपने में मिलाने की कोशिश की तो यह ‘रेड लाइन’ होगी और अब्राहम समझौते की भावना को कमजोर कर देगी। यूएई की वरिष्ठ अधिकारी लाना नुसेइबेह ने कहा कि ऐसा कदम इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के दो-राष्ट्र समाधान को पूरी तरह खत्म कर देगा। फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने यूएई की इस स्थिति का स्वागत किया है। वहीं, इजरायली सरकार ने अभी कोई टिप्पणी नहीं की है।

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