कॉनकॉर ने भावनगर बंदरगाह कंपनी के साथ करार कर बंदरगाह परिचालन क्षेत्र में रखा कदम

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: कंटेनर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकॉर) गुजरात में विकसित किए जा रहे भावनगर बंदरगाह के कंटेनर टर्मिनल के परिचालन, प्रबंधन एवं विपणन का काम देखेगी जो उसके लिए बंदरगाह टर्मिनल के कामकाज को संभालने का एक नया अनुभव होगा।
रेल मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण वाली लॉजिस्टिक्स कंपनी कॉनकॉर ने इसके लिए भावनगर पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा लि (बीपीआईपीएल) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस करार का स्वागत करते हुए इसे देश में लॉजिस्टिक्स (माल पहुंचाने की सुविधा) में सुधार की दिशा में एक और प्रगति बताया है।
कॉनकॉर के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजय स्वरूप ने कहा है कि इस सहयोग से दोनों कंपनियों के ग्राहकों को बड़ा फायदा होगा और यह लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में कॉनकॉर की अग्रणी स्थिति को और मजबूत करेगा।
बीपीआईपीएल ने पिछले साल गुजरात सागर परिषद (जीएमबी) से इस बंदरगाह के विकास के लिए पिछले साल सितंबर में समझौता किया था। इसके तहत वह वहां अनुमानित 4500 करोड़ रुपये के निवेश से बंदरगाह सुविधाओं का निर्माण कर रही है। इसके लिए कंपनी को 235 हेक्टेयर जमीन 30 साल के पट्टे पर मिली है। यहां उसकी तीन बर्थ का एक कंटेनर टर्मिनल , दो बर्थ का एक बहु-उपयोगी टर्मिनल , एक रो-रो ( रोल इन- रोल आउट) टर्मिनल तथा एक तरल चीजों के लिए टर्मिनल बनाने की योजना है।
कॉनकॉर ने बीपीआईपीएल के साथ इस बंदरगाह के कंटेनर टर्मिनल के परिचालन, प्रबंधन और विपणन के काम का अनुबंध किया है। यह रेल मंत्रालय की इस कंपनी के लिए लाजिस्टिक्स सेवा परिचालन के क्षेत्र में आगे की एक कड़ी के साथ महत्वपूर्ण जुड़ाव है।
इस करार से आने वाले समय में मध्य गुजरात और धोलेरा औद्योगिक इलाके की इकाइयों को बड़ी सुविधा होने का अनुमान है।