जीएसटी परिषद के फैसलों का एसजीसीसीआई ने किया स्वागत, लेकिन यार्न पर 5% जीएसटी पर जताई चिंता

0
sgcci

सूरत { गहरी खोज }:दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) ने जीएसटी काउंसिल की 3 सितंबर 2025 को हुई 56वीं बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों का स्वागत किया है।
चैंबर अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि लंबे समय से आवश्यक वस्तुओं, स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पर लगाए गए जीएसटी को समाप्त करने की मांग की जा रही थी, जिस पर अब निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही प्रिंटिंग सेवाओं, स्नैक्स, सीईटीपी प्लांट सेवाओं, होटल रूम (₹7,500 तक), 1200 सीसी से कम की कारों, सीमेंट, निर्माण सामग्री, एसी, एलसीडी टीवी और सौर पैनल पर कर दरें कम करने का फैसला सराहनीय है।
हालाँकि, कपड़ा उद्योग से जुड़े प्रावधानों पर चैंबर ने चिंता जताई है। एमईजी और पीटीए जैसे बुनियादी एमएमएफ इनपुट्स और चिप्स पर 18% जीएसटी बरकरार है, जबकि यार्न, फैब्रिक और गारमेंट्स पर 5% जीएसटी तय किया गया है। पहले यार्न पर 12% जीएसटी था, जिसे घटाकर 5% कर दिया गया है। इस बदलाव से उलटा शुल्क ढांचा और गंभीर हो जाएगा क्योंकि इनपुट पर 18% और आउटपुट पर केवल 5% कर लगेगा।
चैंबर उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला ने कहा कि पहले कपड़े पर इनपुट 12% और आउटपुट 5% होने से औसतन 2–2.5% का रिफंड मिलता था, लेकिन अब इनपुट और आउटपुट दोनों पर 5% जीएसटी होने से यह रिफंड बंद हो जाएगा। इससे नकदी प्रवाह की भारी कमी होगी, खासकर सूरत जैसे एमएमएफ वस्त्र केंद्र में जहाँ बुनाई उद्योग में 90–120 दिन का भुगतान चक्र होता है।
उन्होंने कहा कि अब जीएसटी पंजीकृत अधिकांश खिलाड़ियों को हर महीने बिक्री पर कर चुकाना होगा, जिसके लिए सकल बिक्री का लगभग 20% अतिरिक्त कार्यशील पूंजी चाहिए होगी। यह स्थिति एमएमएफ कपड़ा उद्योग के विस्तार को धीमा कर सकती है। चैंबर ने सरकार से मांग की है कि यार्न पर 18% और फ़ैब्रिक पर 5% जीएसटी दर तय की जाए, जिससे उद्योग को राहत मिल सके। इसके साथ ही, जीएसटी परिषद ने सरलीकृत पंजीकरण योजना लागू की है। इसके तहत जिन आवेदकों की मासिक आउटपुट जीएसटी देयता ₹2.5 लाख से अधिक नहीं होगी, उन्हें केवल तीन दिनों में पंजीकरण मिल जाएगा।
चैंबर का मानना है कि इन फैसलों से एमएसएमई, महिलाएँ और युवा उद्यमी सबसे अधिक लाभान्वित होंगे। आम उपभोक्ता पर कर का बोझ कम होगा, जिससे “जीवन की सुगमता” और खुशहाली बढ़ेगी। एयर कंडीशनर, छोटे वाहनों और निर्माण क्षेत्र पर कर घटाने से भी नागरिकों को सीधी राहत मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *