यमुना में उफान से फरीदाबाद के गांव डूबे, बसंतपुर में तीन हजार घर खाली, राहत कार्य तेज

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फरीदाबाद{ गहरी खोज }: दिल्ली के ओखला बैराज से 2,35,550 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी खतरे के निशान पर बह रही है, जिससे फरीदाबाद के 27 संवेदनशील गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बसंतपुर में पिछले तीन दिनों में 3000 से अधिक घर खाली कराए गए और करीब 8000 लोग बेघर हो गए। प्रशासन ने 14 गांवों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया और राहत कार्यों के लिए एसडीआरएफ की नाै टीमें तैनात कीं। बसंतपुर, किदावली, लालपुर, महावतपुर, राजपुर कलां, तिलोरी खादर समेत 14 गांवों में दो हजार एकड़ से अधिक फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। प्रशासन ने सात राहत शिविर स्थापित किए, जहां 167 लोग शरण लिए हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग की 14 टीमें दवाइयां बांट रही हैं।डीसी विक्रम सिंह यादव ने कहा कि प्रशासन के तमाम कर्मचारी राहत के कार्य में जुटे हुए है। अभी तक जनहानि नहीं हुई है। गांव इस्माइलपुर के इलाके में सब्जियों की खेती करने वाले दर्जनों परिवारों ने सड़क पर शरण ली हुई है। ये लोग सड़क के किनारे ही झोपड़ी डालकर अपना गुजर बसर कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि उनको शेल्टर होम के बारे में पता नहीं है। उनकी सब्जियों की खेती पुरी तरह से खराब हो चुकी है। प्रशासन की तरफ से उनको कोई मदद नहीं मिली है।किसान रामअवतार ने बताया कि सब्जियों की खेती उनके परिवार की एकमात्र आय का साधन था। लेकिन अब वो पूरी तरह से खत्म हो चुका है।

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