आधुनिक स्वास्थ्य प्रणालियों के साथ ‘आयुष’ के एकीकरण में जुटी सरकार

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: ‘राष्ट्रीय आयुष मिशन और राज्यों में क्षमता निर्माण’ को लेकर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में आयोजित विभागीय शिखर सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने बुधवार को नई दिल्ली में किया।
इस अवसर पर जाधव ने कहा, सरकार प्रत्येक राज्य की विशिष्ट जरूरतों के अनुरूप एक मजबूत और समावेशी स्वास्थ्य सेवा ढांचा तैयार करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित की जा रही है जिससे देश भर में स्वास्थ्य सेवा वितरण को बेहतर बनाने के साथ लोगों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। साथ ही आधुनिक स्वास्थ्य प्रणालियों के साथ आयुष (आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी) का एकीकरण सुनिश्चित किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि आयुष स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केंद्रों के लिए बीते वर्ष 4 मार्च को भारतीय जन स्वास्थ्य मानक लांच किए गए थे। जो आयुष के बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन, क्षमता निर्माण, दवा, गुणवत्ता, नैदानिक ​​परीक्षण और ब्रांडिंग में एकरूपता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक मील का पत्थर हैं। जाधव ने आयुर्वेद दिवस में बदलाव की घोषणा करते हुए बताया कि आयुर्वेद दिवस अब धनतेरस की जगह हर साल 23 सितंबर को मनाया जाएगा। जिसकी थीम ‘लोगों और ग्रह के लिए आयुर्वेद’ को बनाया गया है।
दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन ‘राष्ट्रीय आयुष मिशन और राज्यों में क्षमता निर्माण’ पर चर्चा की गई। इस दौरान नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल ने कहा, विकसित भारत-2047 का विजन केवल एक स्वस्थ और उत्पादक जनसंख्या के माध्यम से ही साकार हो सकता है। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा, ‘हर घर आयुर्वेद’ – आयुष और योग का मिश्रण’ जैसी पहलों को हर घर तक पहुंचाने की जरूरत है जो एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन ने आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती और समावेशी बनाने के साथ उन्नत भी किया है। पूरे भारत में 12,500 आयुष्मान आरोग्य मंदिर ओपीडी-आधारित सेवाओं से निवारक और प्रोत्साहन कारी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में काम कर रहे हैं जो एक आदर्श बदलाव के मॉडल हैं। जाधव ने एआईआईए में ‘आयुर्विद्या उन्नत केंद्र’ का भी उद्घाटन किया – जो आयुर्वेद शिक्षा और संचार के लिए समर्पित एक अग्रणी डिजिटल प्लेटफॉर्म है। इस केंद्र का उद्देश्य विशेषज्ञों द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों, लाइव वेबिनार और इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से आयुर्वेद शिक्षा का प्रसार करना है।

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