अकेला सिपाही, तीन बदमाश और आधी रात की जंग, बहादुरी का इनाम प्रमोशन

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: आधी रात सन्नाटे में जब तीन हथियारबंद बदमाश मोटरसाइकिल पर फरार हो रहे थे, तब एक अकेला सिपाही उनसे भिड़ गया। लोहे की रॉड से हमला हुआ, जान पर बन आई, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। सूझबूझ और बहादुरी दिखाते हुए उसने न सिर्फ गिरोह को धर दबोचा, बल्कि पूरे इलाके में खौफ फैला चुके चोरों को भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। यही वह जज्बा है, जिसके लिए कांस्टेबल करतार सिंह को अब हेड कांस्टेबल बना दिया गया है। मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित समारोह में पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा ने उन्हें ‘आउट ऑफ टर्न प्रमोशन’ देकर नई रैंक की स्टार पहनाएं।
31 जुलाई की रात से 1 अगस्त की सुबह तक मालवीय नगर थाने का स्टाफ इलाके में गश्त पर था। हाल के दिनों में सेंधमारी की घटनाएं बढऩे के कारण पुलिस ने पेट्रोलिंग बढ़ाई थी और संदिग्धों के हुलिये की जानकारी टीम को दी गई थी। तडक़े करीब 4 बजे कांस्टेबल करतार सिंह को तीन युवक मोटरसाइकिल पर घूमते दिखाई दिए। शक होने पर जब उन्होंने रोकने की कोशिश की तो आरोपी तेज रफ्तार से भाग निकले। करीब 30 मिनट तक कई कॉलोनियों में पीछा करने के बाद करतार सिंह ने उन्हें एशियाड विलेज (खेल गांव) के पास घेर लिया। तभी बदमाशों ने उन पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया और सिर पर वार किया। हालांकि, हेलमेट ने उन्हें गंभीर चोट से बचा लिया।
कांस्टेबल करतार सिंह की इस बहादुरी और त्वरित कार्रवाई को देखते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलछा ने उन्हें न सिर्फ बधाई दी बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य की भी कामना की। पुलिस कमिश्नर ने कह कि ऐसे कर्मी न केवल अपराधियों के हौसले पस्त करते हैं, बल्कि जनता का विश्वास भी मजबूत करते हैं। करतार सिंह का साहस पूरी दिल्ली पुलिस के लिए प्रेरणा है। हालांकि अब करतार सिंह हेड कांस्टेबल बन गए हैं और उनकी यह उपलब्धि पुलिस बल में एक मिसाल के रूप में देखी जा रही है।
अकेले होने और सीधे हमले के बावजूद करतार सिंह ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने पहले आरोपियों को चेतावनी दी और हवा में फायर किया। इसके बाद आत्मरक्षा में एक गोली चलाई, जिससे एक आरोपी के पैर में चोट लगी। थोड़ी देर की जद्दोजहद के बाद तीनों को काबू कर लिया गया। इस दौरान एशियाड विलेज के प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड भी मौके पर पहुंचे और पुलिस की मदद की। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सिकंदर (घायल), दर्शन सिंह और विजेंद्र सिंह के रूप में हुई। पूछताछ में उन्होंने कई वारदातों की बात कबूल की। इस मामले में हौज खास थाने में केस दर्ज किया गया।