सुप्रीम कोर्ट ने थानों में सीसीटीवी कैमरों की कमी पर लिया स्वत: संज्ञान

नई दिल्ली { गहरी खोज }: सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस हिरासत में हुई मौतों के सामने आए मामलों के मद्देनजर देशभर के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरों की कमी पर गुरुवार को स्वतः संज्ञान लिया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने इस संबंध में एक आदेश पारित किया। पीठ ने 2025 में बीते आठ महीनों के दौरान पुलिस हिरासत में कथित तौर पर 11 लोगों की मृत्यु से संबंधित एक हिंदी दैनिक अखबार में प्रकाशित खबर के आधार पर यह स्वत: संज्ञान कार्रवाई शुरू की।
शीर्ष अदालत ने हिरासत में मौत से संबंधित एक मामले (परमवीर सिंह सैनी बनाम बलजीत सिंह) में दिसंबर 2020 में सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि हर पुलिस थाने में नाइट विज़न की क्षमता से युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। अदालत ने स्पष्ट किया था कि सीसीटीवी की इस व्यवस्था में ऑडियो एवं वीडियो फुटेज होना चाहिए। न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ के इस फैसले में थानों में सीसीटीवी लगाना अनिवार्य किया गया था।