भारत में अवैध घुसपैठियों पर कड़ी सजा: 5 साल जेल और ₹5 लाख जुर्माना

0
jail132_4

नई दिल्ली{ गहरी खोज } : भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों और इमीग्रेशन मामलों को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स ऐक्ट, 2025 1 सितंबर से लागू हो गया है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को इसका नोटिफिकेशन जारी किया। यह बिल संसद के बजट सत्र के दौरान पारित हुआ था और 4 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे मंज़ूरी दी थी। अब इसे एक कानून के रूप में लागू कर दिया गया है।
गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव नितेश कुमार व्यास द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है, “केंद्र सरकार इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स ऐक्ट, 2025 (13 ऑफ 2025) की धारा 1 की उपधारा (2) में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए 1 सितंबर 2025 को लागू होने की तिथि घोषित करती है।”
इस ऐक्ट के तहत भारत में प्रवेश करने, ठहरने या बाहर जाने के लिए नकली पासपोर्ट या वीजा का इस्तेमाल करने (यानी जालसाजी करने) वालों को अब 7 साल तक की जेल और अधिकतम 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। न्यूनतम सजा 2 साल और न्यूनतम जुर्माना 1 लाख रुपये तय किया गया है। अगर कोई विदेशी नागरिक बिना वैध पासपोर्ट या ट्रैवल डॉक्यूमेंट, जैसे बिना वीजा के भारत में प्रवेश करता है, तो उसे 5 साल तक की जेल या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों दंड मिल सकते हैं।
इस ऐक्ट ने ब्यूरो ऑफ़ इमीग्रेशन को और मज़बूत बनाया है। अब यह एजेंसी अवैध विदेशी नागरिकों को तुरंत डिपोर्ट कर सकेगी और राज्यों के साथ सीधा कोऑर्डिनेशन करेगी। इसी के साथ, होटल, यूनिवर्सिटी, अन्य एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, हॉस्पिटल और नर्सिंग होम को विदेशी नागरिकों से जुड़ी जानकारी समय-समय पर देना अनिवार्य कर दिया गया है। किसी भी संस्थान में अवैध विदेशी नागरिकों की आवाजाही पाए जाने पर उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।
सभी इंटरनेशनल एयरलाइंस और शिप कंपनियों को भारत पहुंचने पर अपने पैसेंजर और क्रू का पूरा मैनिफेस्ट और एडवांस इन्फॉर्मेशन सिविल अथॉरिटी या इमीग्रेशन ऑफिसर को देना होगा। नया कानून लागू होने के बाद पुराने क़ानून को समाप्त कर दिया गया है। यह नया ऐक्ट विदेशी नागरिकों और इमीग्रेशन से जुड़े सभी मामलों को एक ही कानून के तहत लाता है। इससे पहले तक अलग-अलग चार कानून लागू थे, जिसमें पासपोर्ट (एंट्री इंटू इंडिया) ऐक्ट, 1920; रजिस्ट्रेशन ऑफ़ फॉरेनर्स ऐक्ट, 1939; फॉरेनर्स ऐक्ट, 1946 और इमीग्रेशन (कैरियर्स लाइबिलिटी) ऐक्ट, 2000 शामिल थे।
अब ये सभी कानून समाप्त कर दिए गए हैं। गृह मंत्रालय का मानना है कि इस कानून से भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा और इमीग्रेशन व्यवस्था को और मजबूत किया जा सकेगा, साथ ही उन विदेशी नागरिकों पर सख्ती होगी जो नकली पासपोर्ट या वीज़ा की आड़ में देश में रह रहे थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *