धर्मस्थल विवाद में शामिल कार्यकर्ता आरएसएस-भाजपा से जुड़े हैं: मंत्री

बेंगलुरु{ गहरी खोज }: कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि दो कार्यकर्ता गिरीश मत्तनवर और महेश शेट्टी टिमरोडी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े हैं। सूत्रों ने बताया कि ऐसा आरोप है कि धर्मस्थल विवाद के पीछे इन दोनों लोगों का दिमाग है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने और जनभावनाएं आहत करने वाले वीडियो बनाने तथा उन्हें सोशल मीडिया पर प्रसारित करने के आरोप में मत्तनवर और टिमरोडी के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। सूचना प्रौद्योगिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री खरगे ने संवाददाताओं से कहा कि टिमरोडी आरएसएस से हैं।
खरगे ने कहा, ‘‘कर्नाटक विधानसभा में उन्होंने (भाजपा ने) किसके खिलाफ बोला? क्या वह महेश शेट्टी टिमरोडी नहीं था? यह व्यक्ति आरएसएस से है। आरएसएस भाजपा का गुरु है। ये लोग आरएसएस, विहिप (विश्व हिंदू परिषद) और बजरंग दल में पले-बढ़े हैं।’’ मंत्री ने मत्तनवर के बारे में कहा, ‘‘वह भारतीय जनता युवा मोर्चा (जिला) के अध्यक्ष हैं। वह यादगीर जिले के गुरमितकल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवार थे। उन्हें भाजपा का बी-फॉर्म जारी किया गया था। आज, वे (टिमरोडी और मत्तनवर) उनके (धर्मस्थल) खिलाफ बोल रहे हैं। तो यह किसकी साजिश है?’’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियंक खरगे के अनुसार, धर्मस्थल विवाद आरएसएस में गुटबाजी का नतीजा है।
खरगे ने कह, ‘‘यह ‘आरएसएस बनाम आरएसएस’ का मामला है। अब वे सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा को समझ नहीं आ रहा कि उसे आरएसएस के किस धड़े से संपर्क करना चाहिए। आरएसएस में दो धड़े हैं। उन्हें (भाजपा को) समझ नहीं आ रहा कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए उन्हें किसके पैर पकड़ने चाहिए।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपनी कुर्सी बचाने के लिए ‘चामुंडेश्वरी चलो’ और ‘धर्मस्थल चलो’ जैसे अभियान चला रही है।
खरगे ने भाजपा नेताओं से ‘चामुंडेश्वरी चलो’ और ‘धर्मस्थल चलो’ तक सीमित न रहने की सलाह देते हुए कहा कि वे कर्नाटक के साथ केंद्र सरकार के अन्याय के खिलाफ कन्नड़ लोगों के पक्ष में आवाज उठाने के लिए कभी-कभार ‘दिल्ली चलो’ रैली भी निकालें। उन्होंने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) वह सब कर रहा है जो वैज्ञानिक रूप से जरूरी है। मंत्री ने ‘चामुंडेश्वरी चलो’ के संबंध में सवाल किया कि अगर बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक दशहरा समारोह का उद्घाटन करती हैं तो इसमें क्या गलत है। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध कन्नड़ साहित्यकार निसार अहमद ने भी इसका उद्घाटन किया था। खरगे ने दावा किया कि भाजपा ने ही पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम को आमंत्रित किया था, लेकिन वह नहीं आ सके। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा ने कलाम को उनके मुस्लिम होने के कारण आमंत्रित किया था या उनकी योग्यता तथा राष्ट्र, समाज और राज्य के प्रति उनके योगदान के कारण।