वैष्णो देवी यात्रा 8वें दिन भी स्थगित, कटरा में फिर से बारिश

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित श्री माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा मंगलवार को लगातार आठवें दिन भी स्थगित रही, जिससे कटरा आधार शिविर और गुफा मंदिर तक का मार्ग पूरी तरह सूना दिखाई दिया। अधिकारियों ने बताया कि त्रिकुटा पहाड़ियों और कटरा में मंगलवार को फिर से बारिश हुई। उनके अनुसार, खराब मौसम को देखते हुए एहतियातन यात्रा को स्थगित रखा गया है, और सभी मार्गों को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। हालांकि मार्ग की आवश्यक मरम्मत पूरी कर ली गई है, लेकिन यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय मौसम में सुधार और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।
कटरा के स्थानीय व्यापारी अरविंद कुमार ने कहा, “यात्रा के स्थगित होने से आधार शिविर और आसपास के इलाके वीरान हो गए हैं। होटल खाली पड़े हैं, रेस्टोरेंट में कोई ग्राहक नहीं है और परिवहन सेवा भी ठप पड़ी है।” अगस्त 2023 और 2024 में क्रमशः 7,10,914 और 7,48,030 तीर्थयात्रियों ने माता वैष्णोदेवी के दर्शन किए थे, लेकिन इस वर्ष 26 अगस्त को बादल फटने की घटना के चलते उनकी संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई। गत जुलाई में 6,77,652 श्रद्धालु गुफा मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे। अधिकारियों ने बताया कि रियासी जिला प्रशासन और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं, और मार्ग तथा सड़कों की मरम्मत का कार्य जारी है।
भूस्खलन की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने कटरा आधार शिविर क्षेत्र में 15 होटल सहित 80 असुरक्षित इमारतों को एहतियातन खाली करवा लिया है। एक अधिकारी ने बताया, “इन होटलों या इमारतों में अब कोई तीर्थयात्री नहीं है।” साथ ही, संरचनात्मक सुरक्षा और संभावित जोखिमों का आकलन करने के लिए विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है। लगातार बारिश के कारण भूस्खलन के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन ने बचाव योजनाओं और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। श्राइन बोर्ड ने यात्रा के दोबारा शुरू होने तक हेलीकॉप्टर सेवाएं और आवास सहित सभी बुकिंग रद्द कर दी हैं और यात्रियों को 100 प्रतिशत रिफंड की सुविधा दी गई है।
मौसम विभाग ने जम्मू क्षेत्र में अगले 48 घंटों के दौरान भारी वर्षा और अचानक बाढ़ की आशंका जताते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। रियासी जिला, 26 अगस्त को अर्धकुंवारी के पास बादल फटने की घटना के चलते सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है, जिसमें 34 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई और 20 अन्य घायल हुए थे। श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र त्रिकुटा पर्वतों में स्थित वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से एक है, जहां हर वर्ष करीब एक करोड़ से अधिक भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं।