सिनेमाई पर्दे से सियासत तक पवन का दमदार सफर जिसने सबको चौंकाया

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मुंबई{ गहरी खोज }: पवन कल्याण! साउथ में उन्हें ‘पावर स्टार’ कहा जाता है। यह पावर सिर्फ पर्दे पर नहीं नजर आता, बल्कि हकीकत में भी उनका मिजाज इस तरह समझा जा सकता है कि झूठा आरोप लगाने वालों के खिलाफ वे भरे मंच से जूता उठा लेते हैं। सिनेमा की दुनिया में अपना दम दिखाने के बाद वे राजनीति में उतर चुके हैं। वर्तमान में पवन कल्याण आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं। पवन कल्याण रियल लाइफ हीरो हैं। उनकी जिंदगी की कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट सरीखी है। जानते हैं उनके बारे में…
पवन कल्याण का जन्म 2 सितंबर 1971 को बापटला, आंध्र प्रदेश में एक तेलुगु परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम कोनिडाला वेंकट राव और मां का नाम अंजना देवी है। अभिनेता की पढ़ाई-लिखाई नेल्लोर के सेंट जोसेफ हाई स्कूल में हुई। पवन कल्याण का असली नाम कोनिडाला कल्याण कुमार हैं। पवन के बड़े भाई चिरंजीवी और नागेंद्र बाबू साउथ में सुपरस्टार हैं। फिल्मी परिवार से होने के बावजूद पवन कल्याण अभिनय की दुनिया में आने का सपना नहीं देख रहे थे। वे खेती-किसानी करने की तैयारी में थे। पवन कल्याण को फिल्मी दुनिया में आने की प्रेरणा उनकी भाभी सुरेखा से मिली, जो चिरंजीवी की पत्नी हैं।
बचपन से ही पवन कल्याण का मन पढ़ाई-लिखाई में कम ही लगता। यहां तक कि दसवीं तक आते-आते वे कई बार फेल हुए। हालांकि, कराटे में वे माहिर थे। अभिनेता कराटे में ब्लैक बेल्ट भी हैं। फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद उनके इस हुनर का फायदा यह रहा कि फिल्मों में वे अपने एक्शन खुद करने के लिए जाने जाते हैं। मगर, यहां तक पहुंचने से पहले पवन कल्याण ने ऐसा दौर भी देखा, जब वे डिप्रेशन में चले गए। उन्होंने लोगों से मिलना-जुलना बंद कर दिया था। भाई चिरंजीवी की लाइसेंसी पिस्टल से उन्होंने सुसाइड करने की कोशिश भी की, लेकिन परिवार वालों ने बचा लिया। इसके बाद उनकी जिंदगी को नई दिशा मिली। भाभी सुरेखा की प्रेरणा से पवन कल्याण अभिनय की दुनिया में आए और उनका जादू चल पड़ा।
अभिनेता ने अपने करियर की शुरुआत साल 1996 में ईवीवी सत्यनारायण द्वारा निर्देशित फिल्म ‘अक्कड़ा अम्मई इक्कड़ा अब्बाई’ से की थी। उनकी दूसरी फिल्म ‘गोकुलमलो सीता’, जो साल 1997 में आई थी। यह एक ड्रामा फिल्म थी। इस फिल्म में पहली बार पवन कल्याण को ‘पवन कल्याण’ की उपाधि वाले नाम से प्रस्तुत किया गया था। अभिनेता की तीसरी फिल्म ‘सुस्वागतम’ थी, इसी फिल्म में उन्हें पहली बार ‘पावर स्टार’ की उपाधि दी गई। पवन कल्याण ने करियर की शुरुआत में ही तूफानी पारी शुरू कर दी। डेब्यू फिल्म के बाद 1997 से 1999 के बीच उन्होंने लगातार छह हिट फिल्में दीं और सुपरस्टार बन गए। इसी दौरान वे तेलुगु फिल्मों के सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर भी बने। उन्होंने सात फिल्मों में स्टंट को-ऑर्डिनेटर के तौर पर भी काम किया।

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