भगवान बिरसा मुंडा भवन का दिल्ली में लोकार्पण, होसबोले ने कहा- हम एक रक्त के

नई दिल्ली { गहरी खोज }: अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा के तत्वावधान में बिरसा मुंडा भवन एक जनजातीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने किया। उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय पहचान के निर्माण में जनजातीय धरोहर का महत्व अत्यधिक है।
उन्होंने कहा कि आरंभ से ही वनवासी कल्याण आश्रम ने सक्षम, स्वाभिमानी और आत्मनिर्भर जनजातीय समाज बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने आश्रम और उसके कार्यकर्ताओं के प्रयासों की सराहना की, जो जनजातीय अस्मिता और अस्तित्व की रक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास हेतु निरंतर समर्पित हैं।
पुष्प विहार में भवन के लोकार्पण समारोह में उनके साथ अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह, वरिष्ठ पदाधिकारी योगेश बापट, अतुल जोग, सुरेश कुलकर्णी, प्रवीण डोलके और डॉ. माधवी देब बर्मन समेत दिल्ली- एनसीआर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्य एवं उप-प्रधानाचार्य भी शामिल हुए।
दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में विकास कार्य ऐसे होने चाहिए जो समाज को सशक्त बनाएं, न कि उन्हें विस्थापित करें। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज कोई संग्रहालय की वस्तु नहीं है। बल्कि जीवंत संस्कृति के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भगवान बिरसा मुंडा भवन के माध्यम से यह कार्य और अधिक प्रभावी रूप से आगे बढ़ेगा। महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि महाराज (जीवन दीप आश्रम, रुड़की) ने भी विचार रखे। अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री विष्णुकांत ने भवन के निर्माण में हुए प्रयासों का विवरण प्रस्तुत किया तथा भवन के उद्देश्यों और भावी कार्यों की जानकारी दी।
आयोजकों ने बताया कि यह भवन जनजातीय अनुसंधान, युवा नेतृत्व प्रशिक्षण तथा जनजागरण कार्यक्रमों का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि इस भवन निर्माण का उद्देश्य जनजातीय ज्ञान परंपराओं को संरक्षित करना है। उन्होंने कहा कि यह पहल विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि देश भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती भी मना रहा है।
इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जनजातीय समाज के लिए अधोसंरचना और कल्याणकारी योजनाओं में सरकार जुटी है। उन्होंने कहा कि यह भवन अनुसंधान, प्रशिक्षण और नेतृत्व विकास का केंद्र बनेगा तथा समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।
जनजातीय कार्य राज्यमंत्री दुर्गादास उइके ने कहा कि भारतीय सभ्यता में जनजातीय समाज का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। अल्पसंख्यक कार्य एवं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत के पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक की जनजातीय समाज देश की मुख्यधारा का अभिन्न अंग है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्राचीन काल से लेकर आज तक जनजातीय समाज ने भारत की सीमाओं की रक्षा की है। उन्होंने आगे कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम ही वह संस्था है जिसने जनजातीय समाज के साथ हृदय से जुड़ाव स्थापित किया है। जनजातीय समाज दाता की तरह नहीं, बल्कि अपने ही भाई-बंधुओं की तरह समाज के लोगों के हित में काम कर रहा है।