वाणी-श्रवण बाधितों को करुणा और आत्मनिर्भर तकनीक की आवश्यकता : राष्ट्रपति

0
T20250901190140

मैसूर{ गहरी खोज }: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को कर्नाटक के मैसूर में आयोजित अखिल भारतीय वाणी एवं श्रवण संस्थान (एआईएसएच) के हीरक जयंती समारोह में भाग लिया और समारोह में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए सार्वजनिक स्थान, सुविधाएं और सूचना स्रोत दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाने पर जोर दिया।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि विशेषज्ञों द्वारा वाणी और श्रवण संबंधी समस्याओं की प्रारंभिक अवस्था में ही पहचान और उपचार करना आवश्यक है। समाज को ऐसी समस्याओं से पीड़ित लोगों के प्रति करुणा और सहयोग का भाव रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश को कॉक्लियर इम्प्लांट जैसे उपकरणों को कम कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है और उन्होंने एआईएसएच जैसे संगठनों से इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि सार्वजनिक स्थान, सुविधाएं और सूचना स्रोत दिव्यांगजनों के अनुकूल होने चाहिए। इससे न केवल उन्हें सुविधा होगी, बल्कि समाज में दिव्यांगजनों के प्रति देखभाल की भावना भी जागृत होगी।
एआईएसएच संगठन के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि वाणी और श्रवण बाधित लोगों को ऐसी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की पहल करनी चाहिएए जो उन्हें सामान्य जीवन जीने में मदद करें तथा समाज और अर्थव्यवस्था में योगदान दें। कार्यक्रम के बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संस्थान में उपचार करा रहे दिव्यांग बच्चों और विभिन्न क्षेत्रों में सफल हुए दिव्यांग व्यक्तियों से बातचीत की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *