फर्जी डिप्टी CM बनकर रेलवे अधिकारियों पर रौब झाड़ा, आरपीएफ ने किया गिरफ्तार

सूरत{ गहरी खोज }: गुजरात के औद्योगिक शहर सूरत में एक युवक ने खुद को मध्यप्रदेश का डिप्टी सीएम बताकर रेलवे अफसरों को धमकाने की कोशिश की। मगर आरपीएफ की सतर्कता से उसकी चाल बेनकाब हो गई और पूरा मामला पुलिस तक पहुंच गया।
यह घटना 29 अगस्त की है। सूरत स्टेशन पर टीटीई ने रणजीत यादव नामक युवक को बिना टिकट यात्रा करते पकड़ा और नियमानुसार जुर्माना लगाया। इसके कुछ समय बाद आरपीएफ उप निरीक्षक कुलदीप सिंह के मोबाइल पर फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को एमपी डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला बताते हुए कहा कि आपने मेरे परिचित रणजीत यादव को क्यों पकड़ा, तुरंत छोड़ दीजिए। फोन पर बातचीत का लहजा और रवैया देखकर उप निरीक्षक को शक हुआ। जांच में साफ हुआ कि यात्री पर सिर्फ जुर्माना लगाया गया है। इसके बाद भी फोन करने वाला शख्स धमकी देने लगा और बोला कि आप एक परिचित को नहीं संभाल सकते, रसीद कैसे काट दी। अगले दिन यानी 30 अगस्त को पुलिस ने रणजीत यादव को पूछताछ के लिए थाने बुलाया। पहले तो उसने खुद को डिप्टी सीएम का करीबी बताया लेकिन जब सख्ती से सवाल हुए तो उसने कबूल किया कि फोन उसी ने किया था। वह दूसरे मोबाइल नंबर से खुद को डिप्टी सीएम बताकर अफसरों को गुमराह कर रहा था।
युवक की पहचान रणजीत मिट्टुलाल यादव (21) निवासी रघुराजनगर, जिला सतना, मध्यप्रदेश के रूप में हुई। मोबाइल की जांच में कई नेताओं, मंत्रियों, पुलिस अफसरों और आरपीएफ अधिकारियों के नंबर मिले। इससे साफ हुआ कि वह लंबे समय से इस तरह की फर्जी पहचान बनाकर अफसरों पर दबाव डालने की कोशिश कर रहा था।
सूरत आरपीएफ ने आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 204, 319(2) और आईटी एक्ट की धारा 66(डी) में केस दर्ज कर उसे रेलवे पुलिस के हवाले कर दिया। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी ने और कहां-कहां इस तरह का खेल रचा है।