22 साल का चुक कम्बोडिया व लाओस बैठकर करता था ठगी, काबू

- लाओस में 50 हजार से ज्यादा ठग इनवेस्टमेंट के नाम पर करते हैं ठगी
- लाओस में चाइना मूल के लोगों द्वारा संचालित कॉल सेंटर से निवेश के नाम पर की जा रही ठगी
- पुलिस ने इन्वेस्टमेंट फ्रॉड करने का एक आरोपी गिरफ्तार
गुरुग्राम{ गहरी खोज }: पुलिस ने एक ठग को काबू किया है, जिसकी उम्र तो मात्र 22 साल है, लेकिन वह विदेश में बैठकर ठगी की वारदातों को अंजाम देता था। वह ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह के साथ काम करता था। लाओस देश में चाइना मूल के लोगों द्वारा संचालित कॉल सेंटर में वह इन्वेस्टमेंट कराने के नाम पर ठगी करता था। गुरुग्राम पुलिस ने उसे काबू किया है। इस केस में अब तक नौ ठगों की गिरफ्तार हो चुकी है। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने सोमवार को बताया कि आरोपी के कब्जा से एक पासपोर्ट व एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है।
आरोपी पहले कम्बोडिया में रहकर फर्जी ट्राई कर्मचारी बनकर फिर फर्जी पुलिस अधिकारी से बात करवाकर मनी लॉन्ड्रिंग के केस की धमकी देते हुए डिजिटल अरेस्ट करके ठगी करने में संलिप्त था। उन्होंने यह भी बताया कि 50 हजार से ज्यादा ठग इनवेस्टमेंट के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। बता दें कि गुरुग्राम पुलिस को 14 मई को 2025 को एक व्यक्ति ने पुलिस थाना साइबर अपराध पश्चिम गुरुग्राम में एक शिकायत दी। इस शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। साइबर अपराध पश्चिम के निरीक्षक संदीप कुमार के नेतृत्व में टीम ने कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को पंजाब के लुधियाना से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान शिवा उर्फ हर्ष के रूप में हुई है। उसकी उम्र 22 साल है और वह बी.ए. पास है। वह लुधियाना के न्यू विजय नगर में रहता है। उसे अदालत में पेश करके आठ दिन के रिमांड पर लिया गया है। आरोपी से पुलिस पूछताछ में पता चला है कि ठगी गई राशि में से 50 हजार रुपए आरोपी मानव (पहले गिरफ्तार किया जा चुका है) के खाते में ट्रांसफर हुए थे। आरोपी मानव आरोपी शिवा का भाई है। आरोपी शिवा ने ही आरोपी मानव का बैंक खाता अन्य व्यक्ति को 10 हजार रुपए में बेचा था। आरोपी शिवा ने बताया कि उनके पास पैसों की कमी थी, जिसके चलते यह अपने अन्य साथियों के माध्यम से पहले कंबोडिया गया और वहां पर सीबीआई, ट्राई व फर्जी पुलिस अधिकारी बनके डिजिटल अरेस्ट करके साईबर ठगी करने लगा। जब कम्बोडिया में पुलिस की रेड हुई तो यह मार्च-2025 में लाओस चला गया। वहां चाईना मूल के लोगों द्वारा संचालित कॉल सेंटर में काम करते हुए इन्वेस्टमेंट फ्रॉड करने की वारदातों को अंजाम देने लगा। आरोपी 14 अगस्त 2025 को लाओस से भारत आया था।