एक्ट्रेस प्रिया मराठे की इस गंभीर बीमारी से हुई मौत, पूरे शरीर में फैलने लगा था रोग, समय रहते पता लगाने के लिए करा लें ये टेस्ट

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: एक्ट्रेस प्रिया मराठे की 38 साल की उम्र में कैंसर से मौत हो गई, जिससे हर कोई सदमे में है। प्रिया मराठे ने पवित्र रिश्ता जैसे हिट टीवी सीरियल और कई वेब सीरीज में काम किया। पिछले कुछ साल पहले उन्हें कैंसर का पता चला था। जिसके उनका इलाज चल रहा था। लेकिन इलाज का कोई असर नहीं हो रहा था। धीरे-धीरे कैंसर उनके शरीर में फेलने लगा था और स्थिति खराब होती जा रही थी। डॉक्टर्स की मानें तो कैंसर का शुरुआती स्टेज पर पता चल जाए तो मरीज की जान बचाना काफी आसान हो जाता है। इसलिए कैंसर से बचने के लिए आपको कुछ टेस्ट जरूर करवाते रहना चाहिए। इससे कैंसर से जान जाने का खतरा कम होता है।
कैंसर का पता लगाने के लिए डॉक्टर बायोप्सी टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। बायोप्सी टेस्ट शरीर में कैंसर की जांच और कैंसर कितना फैल चुका है इसका पता लगाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा कुछ टेस्ट हैं जिनसे शरीर के अलग अलग हिस्सों में पनप रहे कैंसर का पता लगाया जा सकता है।
कैंसर का पता लगाने के लिए कौन सा टेस्ट कराएं
ब्रेस्ट कैंसर के लिए टेस्ट- महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ रहा है। 25 साल के बाद हर महिला को ब्रेस्ट कैंसर का टेस्ट साल में जरूर करवाना चाहिए। ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए CA15.3 टेस्ट किया जाता है। इसके अलावा फिजिकल एग्जामिन भी किया जाता है।
पेट के कैंसर के लिए टेस्ट- पेट के कैंसर का पता लगाने के लिए CA72.4 मार्कर कराया जाता है। आपको साल में एक बार ये टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। वहीं पेनक्रियाटिक कैंसर के लिए आपको CA 19.9 टेस्ट करवाना चाहिए। पुरुषों को CAA और PSA टेस्ट भी करवाना चाहिए। इससे प्रोस्टेट कैंसर का पता चलता है।
ओवेरियन कैंसर के लिए टेस्ट- वहीं महिलाओं को 40 साल के बाद CA 125 मार्कर करवाना चाहिए। ये ओवेरियन कैंसर के लिए टेस्ट है। महिलाओं को भी पेट के कैंसर के लिए CA72.4 और CAA जनरल एंटीजन टेस्ट कराना चाहिए। साल में 1 बार ये टेस्ट आपको जरूर करवाने चाहिए।
इन टेस्ट को कराने से काफी हद तक कैंसर का पता चल जाता है। जितना जल्दी कैंसर का पता चलेगा इलाज उतना बेहतर हो पाएगा। यही वजह है कि कैंसर को बढ़ते मामलों के साथ ही कैंसर के डायग्नोसिस को लेकर जागरुकता फैलाई जा रही है। क्योंकि जागरुता ही किसी भी बीमारी से बचने का सबसे बड़ा बचाव है।