नसों में दर्द और मसल्स में ऐठन, मानसून में क्यों बिगड़ा सर्कुलेटरी सिस्टम, बाबा रामदेव से जानें शरीर का दर्द कैसे दूर करें

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: आज का युवा 25-30 की उम्र में ही बीमारियों से हांफ रहे हैं। शरीर के तमाम ऑर्गन्स के साथ उनकी नस-नाड़ियां भी वक्त से पहले बूढ़ी हो रही हैं। इसके लिए ज़िम्मेदार हैं खराब लाइफस्टाइल, मौसम का असर और कोरोना वायरस। जी हां कोरोना वायरस, जिसके साइडइफेक्ट्स पर आज भी साइंटिस्ट्स रिसर्च कर रहे हैं। ऐसी ही एक लेटेस्ट स्टडी यूरोपियन हार्ट जनरल में पब्लिश हुई है। जो बताती है कि कोरोना की वजह से लोगों की ब्लड वेसल्स वक्त से 5 साल पहले बूढ़ी हो रही है।

नसों का दुश्मन तो आजकल का मौसम भी बना हुआ है। बरसात में मांसपेशियों और नसों की परेशानी बढ़ जाती है। एम्स के मुताबिक, सिर्फ मानसून में न्यूरो के करीब 22% मामले बढ़ते हैं। वहीं रेनी सीजन आते ही तापमान में गिरावट से ब्लड सर्कुलेशन धीमा होता है और लोगों को थकावट के साथ मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होने लगती है। ब्लड फ्लो कम होने से नसें भी अफेक्ट होती हैं। इसलिए मॉनसून हो या कोई भी मौसम नस-नाड़ियों की प्रॉब्लम ना बढ़, इसके लिए स्वामी रामदेव से जानते हैं क्या योग और लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए?

मानसून में शरीर का दर्द करता है परेशान
उमस की वजह से मसल्स-नसों में दर्द और सूजन की समस्या होने लगती है। वहीं तापमान में गिरावट आने और नमी के कारण ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है। शरीर में अकड़न की समस्या बढ़ जाती है। धूप की कमी होने से थकावट महसूस होती है और मांसपेशी कमजोर हो जाती हैं। बारिश के कारण वर्कआउट में कमी आ जाती है जिससे नसों की परेशानी होने लगती है।

नसों की दुश्मन, भीषण गर्मी
बारिश के मौसम में पसीना बहुत ज्यादा निकलता है जिसकी वजह से डिहाइड्रेशन हो जाता है। डिहाइड्रेशन होने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है। ब्लड सर्कुलेशन भी इसका असर होता है। सर्कुलेटरी सिस्टम में दिक्कत बढ़ने लगती है। ऐसी स्थिति में जलन, अकड़न, क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है जिससे हार्ट अटैक का डर और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा पैदा होता है।

मसल्स में ऐंठन की क्या है वजह?
पानी की कमी- शरीर में पानी की कमी होने से मसल्स में ब्लड सप्लाई कम होती है। जिससे मांसपेशियों के मूवमेंट पर असर पड़ता है। इससे मसल्स में ऐंठन होने लगती है।

न्यूट्रिशंस की कमी- अगर शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो तो इसके भी नसों पर बुरा असर पड़ता है। सोडियम,मैग्नीशियम और पोटेशियम की कमी से नसों और मसल्स में कमजोरी आने लगती है। इससे ब्लड प्रेशर लो हो जाता है।

मसल्स की कमजोरी कैसे दूर करें?
मसल्स को मजबूत बनाने के लिए आपको रोजाना व्यायाम करना चाहिए। विटामिन-डी से भरपूर खाना खाना चाहिए। रोजाना दिन में 4-5 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। आंवले का सेवन भी प्रतिदन करना चाहिए। अपने वज़न को कंट्रोल रखें, खाने में कम चीनी और नमक लें। टाइट कपड़े ना पहने। मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए लौकी, नींबू, संतरा, छाछ-लस्सी और मिक्स दालें खाएं।

नर्व्स को मजबूत कैसे बनाएं
इसके लिए रोजाना गिलोय, अश्वगंधा, गुग्गुल, गोखरू, पुनर्नवा का सेवन करें। आप इनका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। इससे नसों की कमजोरी दूर होगी और मांसपेशियां भी मजबूत बनेंगी।

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