अमेरिका की ओर से भारी आयात शुल्क के बावजूद तेज विकास जारी रखेगा भारत: सान्याल

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने शनिवार को कहा कि अमेरिका में भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क और अन्य वैश्विक कारकों से देश की अर्थव्यवस्था के लिए कुछ परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन कारोबार की आसानी को बढ़ावा देने वाले आर्थिक सुधारों से भविष्य में भी भारत तेजी से विकास करता रहेगा।
श्री सान्याल ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर उम्मीद से बेहतर रहने पर यूनीवार्ता से बात करते हुये कहा, “2025-26 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत जीडीपी विकास अनुमान से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में मजबूत गति बनाये रखेगी।”
उन्होंने कहा कि अमेरिकी आयात शुल्क और वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल से निश्चित रूप से भविष्य में भारत कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, कम मुद्रास्फीति, व्यापार संतुलन में मजबूत स्थिति और वित्तीय प्रणाली में पर्याप्त पूंजी के साथ नीति-निर्माताओं के पास नीतियों में उचित मिश्रण का समावेश कर किसी भी बाहरी झटके से निपटने के लिए पर्याप्त गुंजाइश है।
उन्होंने कहा, “हमें भविष्य में विकास बनाये रखने के लिए कारोबार को आसान बनाने वाले आर्थिक सुधारों पर जोर देना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हम विचलित न हों।”
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वार 29 अगस्त को जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी विकास दर बढ़कर 7.8 प्रतिशत पर पहुंच गयी। वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में यह 6.5 प्रतिशत रही थी। इसमें कृषि और सेवा क्षेत्र का योगदान महत्वपूर्ण रहा।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जिन क्षेत्रों में बड़ी वृद्धि दर्ज की गयी उनमें कृषि, पशुपालन, वानिकी एवं मत्स्य पालन की विकास दर 3.7 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले यह 1.5 प्रतिशत रही थी। वित्त, रियल एस्टेट एवं पेशेवर सेवाओं की विकास दर 6.6 प्रतिशत से बढ़कर 9.5 प्रतिशत हो गयी। व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से संबंधित सेवाओं की वृद्धि दर एक साल पहले की 5.4 प्रतिशत मुकाबले 8.6 प्रतिशत रही।
इसके अलावा, पहली तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर 7.7 प्रतिशत रही जो पिछले साल समान तिमाही में 7.6 प्रतिशत पर थी। लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाओं की विकास दर 9.0 प्रतिशत से बढ़कर 9.8 प्रतिशत पर पहुंच गयी।
बिजली, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य यूटिलिटी सेवाओं की विकास दर में बड़ी गिरावट देखी गयी और यह 0.5 प्रतिशत पर आ गयी। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 10.2 प्रतिशत रही थी। खनन क्षेत्र की विकास दर शून्य से 3.1 प्रतिशत नीचे रही यानि इस क्षेत्र में गतिविधियों में गिरावट रही। एक साल पहले इसकी विकास दर 6.6 प्रतिशत रही थी।

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