वैष्णव ने की इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के सारे कंपोनेंट देश में बनाने की अपील

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को पहली तिमाही में देश के 7.8 प्रतिशत की जीडीपी विकास दर हासिल करने पर खुशी जाहिर की और उद्योग जगत से इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के सभी कंपोनेंट भारत में ही बनाने की अपील की।
श्री वैष्णव ने यहां इलेक्ट्राॅनिक्स विनिर्माण कंपनी ऑप्टिमस के राइनोटेक टेंपर्ड ग्लास विनिर्माण संयंत्र के उद्घाटन के मौके पर कहा, “देश का जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। सारी दुनिया में जब उथल-पुथल है, अनिश्चितता का माहौल है, इस अनिश्चितता के माहौल में हिंदुस्तान एक स्थिर, जीवंत, बढ़ती हुई और नवाचारी उत्पाद बनाने वाली अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। सारी दुनिया की उम्मीदें भारत पर टिकी हैं।”
मीडिया से बात करते हुये उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स की पूरी पारिस्थितिकी देश में विकसित हुई है। इन 11 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण छह गुना बढ़कर करीब 11.5 लाख करोड़ रुपये का उद्योग बन चुका है। करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये का निर्यात भारत से होने लगा है। यह अपने-आप में बुहत बड़ी उपलब्धि है, ‘मेक इन इंडिया’ के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प का बुहत ही अच्छा उदाहरण है।
उन्होंने कहा, “ चरणबद्ध तरीके से मोबाइल फोन में, इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों में लगने वाले जितने भी कंपोनेंट हैं, उन सभी कंपोनेंट का देश में निर्माण करें, उन सभी कंपोनेंट के लिए अनुसंधान और डिजाइनिंग देश में हो, उन सारे कंपोनेंट का एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता भारत बने, उस प्रयास में हम लगे हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टेंपर्ड ग्लास की तरह बहुत जल्द देश में ‘मेड इन इंडिया’ सेमीकंडक्टर चिप तैयार होगी। कुछ ही दिनों एक सेमीकंडक्टर प्लांट की पहले पायलट लाइन शुरू हुई थी। वैसे ही लैपटॉप, सर्वर भी अब देश में बनने लगे हैं। कुल मिलाकर इलेक्ट्रॉनिक्स की पारिस्थितिकी देश में काफी अच्छी बन रही है, और इसमें लगभग 25 लाख लोगों को वर्तमान में रोजगार मिला हुआ है, और यह तेजी से बढ़ने वाला उद्योग है।