नोएडा में देश की पहली टेम्पर्ड ग्लास निर्माण इकाई शुरू

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने शनिवार को नोएडा में मोबाइल उपकरणों के लिए देश की पहली टेम्पर्ड ग्लास निर्माण इकाई का उद्घाटन किया। इसे ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स और अमेरिका की कॉर्निंग इंकॉरपोरेटेड के संयुक्त उद्यम से स्थापित किया गया है। इकाई ‘इंजनियर बॉय कोर्निंग’ ब्रांड के अंतर्गत उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार करेगी और इससे घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आपूर्ति होगी।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि टेम्पर्ड ग्लास मोबाइल फोन का एक महत्वपूर्ण सहायक उपकरण है और इसका स्वदेशी निर्माण आत्मनिर्भर भारत तथा ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की दिशा में अहम कदम है। चरणबद्ध तरीके से भारत मोबाइल फोन में उपयोग होने वाले सभी घटकों का निर्माण कर रहा है। इसमें चिप्स, कवर ग्लास, लैपटॉप और सर्वर उपकरण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही भारत में निर्मित चिप बाजार में आएगी।
उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना बढ़कर 11.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा है। इसमें से तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात हुआ है और 25 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका डिज़ाइन क्षेत्र है और सरकार अनुसंधान एवं विकास को निरंतर प्रोत्साहित करेगी। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि आईआईटी मद्रास से जुड़े एक स्टार्टअप ने भारत का पहला माइक्रोकंट्रोलर तैयार किया है, जो जल्द ही भारतीय उत्पादों में इस्तेमाल होगा।
इस अवसर पर ऑप्टिमस इन्फ्राकॉम लिमिटेड के अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि भारत विश्व का बड़ा मोबाइल बाजार है, फिर भी अब तक टेम्पर्ड ग्लास के लिए आयात पर निर्भर रहा है। अब भारत और वैश्विक स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराए जाएंगे। भारतीय मोबाइल उपभोक्ता ‘मेक इन इंडिया’ टेम्पर्ड ग्लास का उपयोग करें। वहीं, इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज महिंदरू ने कहा कि यह क्षेत्र श्रम-प्रधान है और भारत के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार और निर्यात अवसर प्रदान करता है।
इस इकाई में प्रारंभिक निवेश 70 करोड़ रुपये किया गया है। पहले चरण में 2.5 करोड़ यूनिट प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता होगी और 600 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। दूसरे चरण में 800 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश से क्षमता 20 करोड़ यूनिट प्रतिवर्ष तक बढ़ाई जाएगी और 4,500 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। उल्लेखनीय है कि टेम्पर्ड ग्लास का भारतीय बाजार 50 करोड़ से अधिक का है, जिसकी खुदरा कीमत लगभग 20 हजार करोड़ रुपये है। वैश्विक बाजार का आकार 60 अरब डॉलर से अधिक है।

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