7-8 सितंबर को लगेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण, भारत में दिखेगा इकलौता नज़ारा

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इंदौर { गहरी खोज }: साल 2025 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण, जिसे ‘ब्लड मून’ के नाम से भी जाना जाता है, अगले महीने दिखने वाला है। सितंबर महीने में यह खगोलीय घटना देखने को मिलेगी। यह चंद्र ग्रहण कई देशों के साथ-साथ भारत में भी नजर आएगा। ऐसे में सूतक काल भी मान्य होगा। जो जानते हैं यह खगोलीय घटना कब होगी और सूतक काल का समय क्या होगा?
साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में 7 सितंबर को दिखेगा। इसी दिन पितृपक्ष की भी शुरुआत होगी। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इस दौरान चंद्रमा पूर्ण से गुजरेगा और एक चमकदार लाल रंग के गोले में बदल जाएगा। यानि इस दिन चंद्रमा लाल रंग का होगा, जिसे बल्ड मून कहा जाता है, जो कई सालों में एक बार दिखाई देता है। चंद्र ग्रहण करीब चार घंटे तक रहेगा।
उज्जैन की जीवाजी वैधशाला के अधीक्षक राजेंद्र गुप्त ने बताया कि दिनांक 7-8 सितंबर 2025 को पूर्ण चन्द्र ग्रहण की खगोलीय घटना हो रही है। भारतीय समय के अनुसार पूर्ण चन्द्र ग्रहण का प्रारंभ 7 सितंबर 2025 को रात्रि 09:56:08 बजे से शुरू होगा। मध्य की स्थिति मध्यरात्रि 11:41:08 बजे पर होगी। इस समय चन्द्रमा का 136.8 प्रतिशत भाग पृथ्वी की छाया से ढका हुआ दृष्टिगोचर होगा अर्थात् पूर्ण चन्द्र ग्रहण की स्थिति दृष्टिगोचर होगी।
ग्रहण के मोक्ष की स्थिति दिनांक 8 सितंबर 2025 को रात्रि 01:26:08 बजे पर होगी। यह ग्रहण भारत में पुराण रूप से दिखाई देगा। यह पूर्ण चन्द्र ग्रहण अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, आस्ट्रेलिया, एशिया, हिन्द महासागर व यूरोप में भी दिखेगा। चन्द्र ग्रहण की स्थिति में पृथ्वी, सूर्य तथा चन्द्रमा के मध्य में होती है तथा पूर्ण ग्रहण की स्थिति में पृथ्वी की छाया से चन्द्रमा का पूर्ण भाग ढकता है। इसीलिए इसे पूर्ण चन्द्र ग्रहण कहते हैं।
भारतीय समय के अनुसार, 7 सितंबर 2025 को चंद्र ग्रहण लगेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण रात 9:57 बजे शुरू होगा और 8 सितंबर को 1:26 बजे तक रहेगा। ग्रहण का स्पर्श रात 11:09 बजे होगा, जबकि मध्यकाल रात 11:42 बजे होगा। इसका मोक्ष काल रात 12:23 बजे से शुरू होगा। कुल मिलाकर, यह चंद्र ग्रहण लगभग 4 घंटे तक चलेगा। एक घंटे से ज्यादा समय तक चलने वाला चरम चरण तब होगा जब चंद्रमा अपने सबसे गहरे लाल रंग में दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा। दरअसल, चंद्र ग्रहण के शुरू होने से करीब 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। इस दौरान शुभ कार्यों को नहीं किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण में मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं। साल का आखिरी और पूर्ण चंद्रग्रहण भारत के कई शहरों में दिखाई देगा। यह ग्रहण दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, लखनऊ, बेंगलुरु समेत कुछ और शहरों में दिखाई देगा। भारत के अलावा ये ऑस्ट्रेलिया, अमेरिकी, फिजी और न्यूजीलैंड में भी दिखाया देगा।
खगोलीय वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया से पूरी तरह ढक जाएगा, जिससे वह लाल रंग का दिखाई देगा। यह नजारा भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्सों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। खगोलशास्त्रियों ने इसे साल की सबसे खास खगोलीय घटनाओं में से एक बताया है। बता दें कि ब्लड मून पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान होता है, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के ठीक बीच में आ जाती है।

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