मध्य प्रदेश ने पर्यटन क्षेत्र में राजस्थान को भी पीछे छोड़ दिया : शेखावत

- केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने उज्जैन में द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन “रूहmantic” का किया शुभारंभ
उज्जैन/भोपाल{ गहरी खोज }: केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उज्जैन में आयोजित द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन “रूहmantic” में मध्य प्रदेश में बढ़ते पर्यटन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कभी राजस्थान के टूरिज्म सेक्टर में सबसे अच्छी निवेश नीति थी, लेकिन बुधवार काे मध्य प्रदेश ने राजस्थान को भी पीछे छोड़ दिया है। मध्य प्रदेश हार्ट ऑफ इंक्रेडिवल इंडिया है। मध्य प्रदेश के पास टूरिज्म सेक्टर में अपार संभावनाएं हैं। भारत के पास दुनिया की सबसे प्रचीन परंपरा और विरासत है।
केन्द्रीय मंत्री बुधवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ उज्जैन में आयोजित द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन “रूहmantic” का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में देश-विदेश के 300 से अधिक आध्यात्मिक गुरू, विचारक और विशेषज्ञ शामिल हुए। मुख्य वक्ता के रूप में आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया। सम्मेलन में 12 ज्योतिर्लिंगों, मंदिर अर्थव्यवस्थाओं और उज्जैन की आध्यात्मिक शक्ति पर विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है। देश में घरेलू पर्यटन बढ़ रहा है। उज्जैन में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। पहले जितने लोग साल भर में आते थे, उतने अब एक से डेढ़ हफ्ते में आ जाते हैं। आज हर स्तर की पर्यटन संभावनाएं विकसित करने के लिए राज्यों के बीच गला काट प्रतियोगिता चल रही है। दुनियाभर से हज करने जाने वाले कुल लोग एक करोड़ 80 लाख हैं। उमरा करने के नाम पर जो लोग जाते हैं वो 10 मिलियन हैं। ये आंकड़े उज्जैन के साथ तुलना करूं तो कितने लोग हमारे हैं।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सॉफ्ट पावर हमारी ताकत बनेगी। इस संकल्प के साथ सभी को जुट जाने की आवश्यकता है। चुनौतियां हैं लेकिन ये सिर्फ हमारे सामने नहीं हैं बल्कि पूरे विश्व के सामने हैं। हम एक तरफ आर्थिक, सामाजिक और सामरिक नजरिए से भी प्रगति कर रहे हैं। इसके साथ ही कल्चरल गुड्स को रिवाइव करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तीर्थाटन और संत परंपरा ने भारत को एक बनाने का काम किया है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा पर्यटन मंत्रालय और मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के सहयोग से होटल अंजुश्री में आयोजित इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज का काल भारत का है। दुनिया भारत की तरफ देख रही है। जिस प्रकार पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण हर तरफ से सुखद समाचार आ रहा है, जो हमसे अपने-आपको प्रतियोगी मान रहे हैं, लेकिन वे असुरक्षा में जी रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बाबा महाकाल से लेकर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का काम कर रही है। ऐसे में सेवा के काम कौन-कौन से हो सकते हैं और आने वाले दिनों में यात्रियों की सुविधाओं का सभी प्रकार से कैसे ध्यान रखा जाए। इन सारी व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा के लिए दिनभर सत्र चलेंगे। आज केन्द्रीय पर्यटन मंत्री ने कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के माध्यम से देश में आ रहे परिवर्तन के दौर की बात विस्तार से रखी है। हमें बड़ी-बड़ी सौगात आपके माध्यम से मिल रही हैं।
आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास महाराज ने कहा कि स्पिरिचुअल टूरिज्म के लिए विश्व में 10 शहर लोकप्रिय हैं। इनमें भारत के चार शहर हैं। इनमें से तीन नार्थ इंडिया के हैं। प्रयागराज, अयोध्या में हर साल 5 करोड़ लोग आते हैं। तीसरा शहर है तिरुपति जहां तीन से चार करोड़ लोग हर साल पहुंचते हैं। चौथा शहर है वाराणसी। अभी तक मध्य प्रदेश का कोई शहर इसमें नहीं है। हमारी हार्दिक इच्छा है कि मुख्यमंत्री की पहल से जल्द ही उज्जैन का नाम इन शहरों में शामिल होगा।
उन्होंने कहा कि आज से 20 साल पहले जब उज्जैन में इस्कॉन मंदिर आने वाला था तब हमारे यहां 500 करोड़ का एक प्रकल्प प्लानिंग में था, लेकिन कुछ कारणवश वो प्रकल्प नहीं हो पाया। उस समय हमारे गुरु महाराज ने निर्णय लिया कि मध्यप्रदेश नहीं तो कहीं और लेकर आएंगे। तब मुख्यमंत्री उज्जैन डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन थे। उन्होंने हमारे महाराज से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया और अनुरोध किया कि मध्य प्रदेश के लिए यह बहुत जरूरी है कि यह संस्था आए।
उन्होंने कहा कि विश्व में कई सारे शहर हैं जो कुछ विशेष योजनाओं के लिए विकसित किए गए हैं, जैसे लॉस बेगॉस। यह इंटरटेनमेंट और नाइट लाइफ के लिए जाना जाता है। धर्म की भाषा में कहें तो सारे पाप कर्म वहां होते हैं। पाप कर्मों के लिए विशेष शहर बनाया गया है, आप कल्पना कीजिए, लेकिन एक अत्याधुनिक शहर जो पूरा आध्यात्मिक प्रकल्पों के साथ आध्यात्मिक चेतना को विकसित करने के लिए अभी भी देखना बाकी है। हमें यह खुशी है कि उसकी पहल हमारे मुख्यमंत्री उज्जैन से कर रहे हैं।