उत्तर प्रदेश में बाढ़ से 22 जिलों में 2.52 लाख लोग प्रभावित

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लखनऊ{ गहरी खोज }: पहाड़ों और मैदानी इलाकों में लगातार बारिश के कारण उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के 700 से ज़्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और मवेशियों के लिए विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
मूसलाधार बारिश के कारण हिमालय से निकलने वाली नदियां और छोटी नदियां उफान पर आ गईं। बांधों और बैराजों को भारी मात्रा में पानी छोड़ना पड़ा जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई।
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि फिलहाल 22 जिलों की 43 तहसीलें और 768 गांव जलमग्न हैं। इससे 2.52 लाख लोग प्रभावित हैं।
उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को राहत सहायता प्रदान की गई है और 33,370 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि 550 नावों के माध्यम से इन प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही हैं।
कुल 278 बाढ़ आश्रय स्थल बनाए गए हैं, जिनमें 3,089 लोग रह रहे हैं। इन सभी की 586 टीमों द्वारा चिकित्सा जांच की जा रही है। इसके साथ ही, स्थिति पर नज़र रखने के लिए 1,022 बाढ़ चौकियाँ स्थापित की गई हैं।
बाढ़ से प्रभावित 22 जिलों में वाराणसी, प्रयागराज, औरैया, बहराइच, बांदा, मिर्जापुर, कानपुर देहात, चंदौली, फतेहपुर, कानपुर नगर, बाराबंकी, बदायूं, फर्रुखाबाद, गोंडा, हरदोई, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, शाहजहांपुर और उन्नाव शामिल हैं।
गौरतलब है कि उत्तर भारत के बड़े हिस्से में मंगलवार को लगातार बारिश हुई जिससे हिमालयी क्षेत्र में भारी तबाही मची। भूस्खलन निचले इलाकों में पानी भर जाने और कई सड़कें और पुल बह गए।

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