जम्मू में स्थिति गंभीर, बाढ़ से निपटने के उपायों की समीक्षा की : उमर अब्दुल्ला

श्रीनगर{ गहरी खोज }: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि भारी बारिश के बाद जम्मू के विभिन्न हिस्सों में स्थिति “काफी गंभीर” है और उन्होंने प्रशासन को हाई अलर्ट बनाए रखने का निर्देश दिया। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने जम्मू संभाग में बाढ़ जैसी स्थिति की समीक्षा के लिए एक आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री ने जम्मू में बाढ़ नियंत्रण उपायों का जायजा लेने के लिए यहां आयोजित एक बैठक में ये निर्देश दिए।
जम्मू में भारी बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गई तथा दो दर्जन से अधिक मकान और पुल क्षतिग्रस्त हो गए। जम्मू में लगभग सभी जलाशय खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं, जिससे शहर और अन्य स्थानों पर कई निचले इलाके और सड़कें जलमग्न हो गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात स्थगित कर दिया गया है, जबकि दर्जनों पहाड़ी सड़कें भूस्खलन या अचानक आई बाढ़ के कारण अवरुद्ध हो गई हैं या क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा भी स्थगित कर दी गई है।
अपने निजी ‘एक्स’ खाते पर एक अलग पोस्ट में अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू के कई हिस्सों में स्थिति काफी गंभीर है। उन्होंने कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रखने के लिए श्रीनगर से जम्मू के लिए अगली उपलब्ध उड़ान लूंगा।” आपातकालीन समीक्षा बैठक के दौरान, जम्मू के संभागीय आयुक्त ने सभी 10 जिलों के उपायुक्तों के साथ अब्दुल्ला को जमीनी स्थिति और आपात स्थितियों से निपटने की उनकी तैयारियों के बारे में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा, “राहत और मरम्मत कार्य एसडीआरएफ के मानदंडों के अनुसार सख्ती से आगे बढ़ेंगे। हालांकि, जहां भी इन मानदंडों से परे अतिरिक्त आवश्यकताएं उत्पन्न होती हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करूंगा कि आगे की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए।” अब्दुल्ला ने प्रशासन को प्रभावित परिवारों को भोजन, स्वच्छ पेयजल, दवाइयां और अन्य आवश्यक वस्तुओं की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि संकटग्रस्त आबादी को प्राथमिकता के आधार पर सहायता प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने अस्पतालों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया।