समुद्री क्षेत्र के विकास में तकनीक की बड़ी भूमिकाः रामचंद्रन

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव टीके रामचंद्रन ने कहा कि भारत के समुद्री क्षेत्र में नए आइडिया और तकनीक को बढ़ावा देने के लिए मैराथन 2025 कार्यक्रम शुरू किया गया है। यह देश का पहला समुद्री हैकाथॉन है, जिसे आईआईटी मद्रास में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का मकसद समुद्र से जुड़े कामों को और बेहतर, सुरक्षित और आधुनिक बनाना है।
रामचंद्रन ने एक बयान में कहा कि यह मैराथन 27 से 31 अक्तूबर तक मुंबई में आयोजित होने वाले भारत समुद्री सप्ताह 2025 की तैयारियों के तहत किया गया है। उन्होंनेे कहा कि समुद्री क्षेत्र के विकास में तकनीक की बड़ी भूमिका है। इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल नए विचार सामने आएंगे बल्कि उद्योग और संस्थानों के बीच बेहतर तालमेल भी बनेगा। अगर हम आज से तैयारी करें तो 2047 तक एक मजबूत और विकसित समुद्री भारत का सपना साकार हो सकता है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को आईआईटी मद्रास, चेन्नई बंदरगाह प्राधिकरण और कुछ अन्य तकनीकी संस्थानों के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम को सागरमाला स्टार्टअप इनोवेशन इनिशिएटिव के तहत चलाया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान हैकाथॉन से जुड़ी वेबसाइट, वीडियो और जानकारी देने वाली पुस्तिका भी लॉन्च की गई। साथ ही यह बताया गया कि स्टार्टअप्स के लिए आवेदन की प्रक्रिया 25 अगस्त से शुरू हुई और 29 सितंबर 2025 तक चलेगी। इसके बाद 16 से 18 अक्टूबर तक हैकाथॉन का आयोजन आईआईटी मद्रास में होगा। जहां चुने गए स्टार्टअप्स अपने विचार पेश करेंगे। भारत समुद्री सप्ताह 2025 के दौरान विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा और उनके साथ साझेदारी के समझौते भी किए जाएंगे।
इस पूरे आयोजन में चुने गए स्टार्टअप्स को तीन अलग-अलग चरणों में आर्थिक मदद भी दी जाएगी। अगर किसी का विचार अच्छा है तो उसे 10 लाख रुपये तक की सहायता मिल सकती है। अगर उस विचार पर काम करके कोई छोटा प्रोडक्ट तैयार हो जाता है तो 60 लाख रुपये तक की फंडिंग मिलेगी। और अगर उस प्रोडक्ट को बड़े स्तर पर लागू करना हो तो 1 करोड़ रुपये तक की मदद दी जाएगी

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