हरतालिका तीज पर प्रदोष काल में करें शिव-पार्वती की विशेष पूजा, जान लें शाम की पूजा का समय और संपूर्ण विधि

धर्म { गहरी खोज } :सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज का व्रत बेहद खास होता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस साल ये व्रत 26 अगस्त 2025 को रखा जा रहा है। इस दिन सुबह-शाम शिव-पार्वती की विधि विधान पूजा की जाती है। लेकिन इस पर्व की पूजा के लिए शाम में प्रदोष काल का समय सबसे शुभ माना जाता है। चलिए आपको बताते हैं हरतालिका तीज पूजा का शाम का मुहूर्त और पूजा विधि।
हरतालिका तीज प्रदोष काल पूजा मुहूर्त 2025
शाम में हरतालिका तीज पूजा का प्रदोष काल मुहूर्त 06:04 PM से 7:38 PM तक रहेगा। इस समय पर शिव-पार्वती की मिट्टी से बनाई प्रतिमाओं की पूजा होती है।
हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि
- हरतालिका पूजन के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी की प्रतिमा हाथों से बनाएं।
- पूजा स्थल के पास एक चौकी रखें और उस चौकी पर केले के पत्ते रखें जिन पर भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करनी हैं।
- इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का षोडशोपचार पूजन करें।
- सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी वस्तु रखकर माता पार्वती को चढ़ाएं।
- शिव जी को धोती और अंगोछा चढ़ाएं।
- इसके बाद हरतालिका तीज की कथा सुनें।
- भगवान को भोग लगाएं और उनकी आरती उतारें।
- फिर सुहाग सामग्री सास के चरण स्पर्श करने के बाद ब्राह्मणी को दान कर देनी चाहिए।
- व्रत वाले दिन रात्रि जागरण करें।
- फिर सुबह आरती के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और इसके बाद अपना व्रत खोल लें।
हरतालिका तीज मंत्र
- माता पार्वती के मंत्र: ऊं उमायै नम:, पार्वत्यै नम:, जगद्धात्रयै नम:, ब्रह्मरूपिण्यै नम:
- भगवान शिव के मंत्र: ऊं हराय नम:, ऊं महेश्वराय नम:, ऊं शम्भवे नम:, ऊं नम: शिवाय, ऊं पशुपतये नम: व ऊं महादेवाय नम: