उम्मीद है कि शीर्ष अदालत जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के लिए समयसीमा तय करेगी : उमर अब्दुल्ला

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श्रीनगर{ गहरी खोज }: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को उम्मीद जताई कि उच्चतम न्यायालय अक्टूबर में मामले की सुनवाई के बाद केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू कश्मीर) का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय सीमा तय करेगा। उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई निर्धारित तारीख से पहले करने से सोमवार को इनकार कर दिया और कहा कि मामला पहले ही 10 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध है। अब्दुल्ला ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘मुझे जानकारी नहीं है कि न्यायालय में तत्काल सुनवाई के लिए कौन गया। हम भी चाहते हैं कि इस फैसले में कोई देरी न हो।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सत्ता में आने के बाद से पिछले दस महीनों से राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल की पहली बैठक में हमारा पहला फैसला राज्य के दर्जे पर एक प्रस्ताव पारित करना था। प्रधानमंत्री के साथ अपनी पहली बैठक में, मैंने सबसे पहले उन्हें राज्य के दर्जे पर मंत्रिमंडल का प्रस्ताव सौंपा।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हम इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन हमें कोई फायदा नहीं हुआ है। दुर्भाग्य से, उच्चतम न्यायालय 10 अक्टूबर से पहले इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए तैयार नहीं है। हम कुछ और इंतजार करेंगे और हमें अब भी उम्मीद है कि भले ही केंद्र ने कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन उच्चतम न्यायालय फैसला लेगा।’’ देश के अन्य हिस्सों में बंद जम्मू-कश्मीर के कैदियों को वापस केंद्र शासित प्रदेश में स्थानांतरित करने की मांग को लेकर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में हो रहे विरोध प्रदर्शन के सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा कि विरोध प्रदर्शन में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन सुरक्षा के मामलों पर निर्णय दिल्ली में लिए जाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी इसे लेकर चिंतित हैं। लेकिन श्रीनगर में कुछ भी करने से कुछ नहीं हो सकता। जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा संबंधी फैसले दिल्ली में, गृह मंत्रालय में लिए जाते हैं। इसलिए बेहतर यही है कि वह दिल्ली जाएं, गृह मंत्री से मिलें और उनके सामने यह मुद्दा उठाएं, जैसा हमने किया।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने यह मुद्दा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष उठाया है, क्योंकि निर्णय वहीं लिया जाना है।

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