भारत और फिजी की आकांक्षाएं एक ही नाव पर सवारः मोदी

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नई दिल्ली { गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिजी के अपने समकक्ष सिटिवेनी राबुका के साथ सोमवार को यहां बैठक के बाद कहा कि दोनों देशों के बीच भले ही महासागरों की दूरी हो, लेकिन हमारी आकांक्षाएं एक ही नाव पर सवार हैं।
भारत और फिजी के बीच यहां के हैदराबाद हाउस में हुई बैठक के दौरान 8 समझौते हुए और 17 घोषणाएं की गईं। दोनों देशों ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, साइबर सुरक्षा, मानकीकरण और रक्षा सहयोग से जुड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसमें फिजी में सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना, दवाओं की आपूर्ति, कौशल विकास तथा त्वरित प्रभाव परियोजनाओं को लागू करने में सहयोग महत्वपूर्ण हैं। दोनों देशों ने मानव संसाधन क्षमता निर्माण, तकनीकी सहयोग और गतिशीलता बढ़ाने के लिए भी करार किए।
घोषणाओं में भारतीय नौसेना का फिजी दौरा, रक्षा अटैची की नियुक्ति, एंबुलेंस और चिकित्सा सेवाओं का उपहार, साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना और कृषि क्षेत्र में ड्रोन व मोबाइल सॉयल टेस्टिंग लैब्स की आपूर्ति शामिल है। धार्मिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक सहयोग के तहत हिंदी-संस्कृत अध्यापक, पंडितों का प्रशिक्षण, जयपुर फुट कैंप और क्रिकेट कोच की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा, ‘हील इन इंडिया’ कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष चिकित्सा सुविधा प्रदान होगी तथा भारतीय ‘घी’ को फिजी के बाजार में प्रवेश मिलेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पोस्ट में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और फिजी के प्रधानमंत्री राबुका ने आज हैदराबाद हाउस में व्यापक और उपयोगी बातचीत की। इस दौरान रक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, गतिशीलता, लोगों के बीच आपसी संबंधों और एक सुदृढ़ एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने जैसे क्षेत्रों में भारत और फिजी के संबंधों को मज़बूत करने पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य सेवा, क्षमता निर्माण, गतिशीलता, मानकीकरण, आईसीईटी और व्यावसायिक सहयोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने आईपीओआई फोरम में सदस्य देश के रूप में फिजी का स्वागत भी किया। फिजी के प्रधानमंत्री राबुका 24 से 26 अगस्त तक भारत के आधिकारिक दौरे पर हैं। आज उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ आपसी सहयोग पर व्यापक चर्चा की। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया और आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल साउथ की आवाज़ को मजबूत करने और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता तथा विकास को प्राथमिकता देने पर बल दिया। फिजी ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन दोहराया। प्रधानमंत्री राबुका ने भारत की मेहमाननवाजी के लिए आभार व्यक्त किया।

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