शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी ने टीएमसी विधायक काे किया गिरफ्तार

कोलकाता { गहरी खोज }: पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक जीवनकृष्ण साहा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से पहले ईडी ने साहा के मुर्शिदाबाद जिले के बरत्रा स्थित आवास पर पांच घंटे से अधिक समय तक छापेमारी की। छापेमारी के दौरान विधायक ने दीवार फांदकर फरार होने की कोशिश की और अपने मोबाइल फोन को झाड़ियों के बीच नाले में फेंककर साक्ष्य काे नष्ट करने का प्रयास किया। लेकिन घर के बाहर तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों ने उन्हें पकड़ लिया। बाद में ईडी अधिकारियों ने नाले से मोबाइल फोन बरामद कर लिया। पूछताछ में यह भी सामने आया कि साहा दो मोबाइल फोन इस्तेमाल करते थे, जिनमें से एक को उन्होंने छिपाने की कोशिश की थी।
ईडी के अनुसार, साहा को मुर्शिदाबाद से कोलकाता लाया जा रहा है, जहां उन्हें बैंकशाल अदालत में पेश किया जाएगा और उनकी हिरासत की मांग की जाएगी।
गौरतलब है कि, जीवनकृष्ण साहा को वर्ष 2023 में भी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इसी भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया था। उस समय भी उन्होंने अपने दो मोबाइल फोन तालाब में फेंक दिए थे, जिन्हें पानी से निकालकर बरामद किया गया था। करीब 13 महीने जेल में बिताने के बाद उन्हें उच्चतम न्यायालय से जमानत मिली थी।
सीबीआई जहां इस मामले में भ्रष्टाचार की जांच कर रही है, वहीं ईडी इसमें धन शोधन और वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है। सोमवार को राज्यभर में ईडी की कई टीमों ने एक साथ छापेमारी की। कोलकाता, मुर्शिदाबाद और बीरभूम जिलों में कई ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
ईडी अधिकारियों ने विधायक साहा के ससुराल स्थित घर (रघुनाथगंज) और उनकी पत्नी टोगोर साहा के मकान की भी तलाशी ली। इसके अलावा बीरभूम जिले के सैंथिया नगर पालिका की पार्षद और विधायक की बुआ माया साहा के आवास पर भी छापा मारा है। सूत्रों के अनुसार, मुर्शिदाबाद जिले के महिष गांव निवासी बैंक कर्मचारी राजेश घोष के घर पर भी तलाशी अभियान चलाया गया। यह कार्रवाई हाल ही में कोलकाता में चार जगहों पर हुई छापेमारी से मिले नए सुरागों के आधार पर की गई है। इन छापों में एसएससी भर्ती प्रक्रिया में बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले प्रसन्ना रॉय के तार सामने आए थे।