फिजी में 100 बेड के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और जनऔषधि केंद्र स्थापित करेगा भारत

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नई दिल्ली { गहरी खोज }:भारत फिजी की राजधानी सुवा में 100-बेड के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण करेगा। इसके अलावा डायलिसिस यूनिट्स, समुद्री एम्बुलेंस और जन औषधि केंद्र भी स्थापित करेगा ताकि सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवा हर घर तक पहुंच सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यहां हैदराबाद हाउस में फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। इसके पहले, प्रधानमंत्री मोदी और फिजी के प्रधानमंत्री राबुका के बीच यहां द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर विस्तृत चर्चा हुई तथा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग से जुड़े समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री राबुका रविवार से भारत के तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं।प्रधानमंत्री मोदी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत और फिजी के बीच आत्मीयता और सांस्कृतिक जुड़ाव का एक लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने स्मरण कराया कि 2014 में 33 वर्ष बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने फिजी की धरती पर कदम रखा था और उन्हें इस बात का गर्व है कि यह सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा कि उसी समय भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग मंच (फिपिक) की शुरुआत की गई थी, जिसने भारत-फिजी संबंधों के साथ पूरे पैसिफिक क्षेत्र के साथ जुड़ाव को नई ताकत दी।प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री राबुका की यह यात्रा द्विपक्षीय रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ रही है। उन्होंने फिजी में बसे भारतीय मूल के गिरमिटिया समाज के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि 19वीं सदी में भारत से गए 60 हजार से अधिक भाई-बहनों ने फिजी की समृद्धि में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने प्रधानमंत्री राबुका द्वारा ‘गिरमिट डे’ घोषित करने का स्वागत करते हुए इसे साझा इतिहास का सम्मान और पिछली पीढ़ियों के संघर्ष को श्रद्धांजलि बताया।स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि फिजी की राजधानी सुवा में 100-बेड सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा डायलिसिस यूनिट्स, समुद्री एम्बुलेंस और जन औषधि केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे ताकि सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवा हर घर तक पहुंच सके।
रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को लेकर प्रधानमंत्री ने बताया कि एक कार्य योजना तैयार की गई है जिसके तहत फिजी की समुद्री सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए भारत प्रशिक्षण और उपकरण उपलब्ध कराएगा। साथ ही साइबर सुरक्षा और डेटा सुरक्षा के क्षेत्र में भी दोनों देश अनुभव साझा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद पूरी मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती है और इस पर मिलकर काम करना आवश्यक है।शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि फिजी विश्वविद्यालय में हिंदी और संस्कृत पढ़ाने के लिए भारतीय शिक्षक भेजे जाएंगे। साथ ही फिजी के पंडित भारत आकर प्रशिक्षण लेंगे और गीता महोत्सव में भी हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि भाषा से लेकर संस्कृति तक भारत-फिजी संबंध और गहरे होंगे।जलवायु परिवर्तन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह फिजी के लिए एक गंभीर खतरा है। इस संदर्भ में भारत और फिजी नवीकरणीय ऊर्जा, विशेषकर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं।
दोनों देश इंटरनेशनल सोलर अलायंस, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन और ग्लोबल जैव ईंधन अलायंस में साझेदार हैं। अब भारत, आपदा प्रतिक्रिया में भी फिजी की क्षमताओं को बढ़ाने में सहयोग देगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और फिजी भले ही महासागरों से दूर हों, लेकिन उनकी आकांक्षाएं एक ही नाव पर सवार हैं। दोनों देश ग्लोबल साउथ की विकास यात्रा में सहयात्री हैं। उन्होंने कहा कि भारत और फिजी एक ऐसे वैश्विक व्यवस्था के निर्माण में भागीदार हैं, जिसमें ग्लोबल साउथ की स्वतंत्रता, विचार और पहचान को पूरा सम्मान मिले। उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि किसी भी आवाज को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और किसी भी देश को पीछे नहीं छोड़ा जाना चाहिए।”

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