बैंक अधिकारी बन फेक ऐप से ठगी करने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़

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-कॉल सेंटर से एक महिला सहित छह आरोपियों गिरफ्तार, कब्जा से 11 मोबाइल फोन बरामद

गुरुग्राम{ गहरी खोज }: बैंक कर्मचारी/अधिकारी बनकर फेक ऐप के माध्यम से ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से एक महिला सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के कब्जा से 11 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने शनिवार को बताया कि पुलिस थाना साइबर अपराध दक्षिण गुरुग्राम में केस दर्ज किया गया है।पुलिस के अनुसार नौ अगस्त को एक व्यक्ति ने पुलिस थाना साईबर अपराध दक्षिण गुरुग्राम में शिकायत दी। शिकायत में कहा कि फोन कॉल पर फर्जी बैंक कर्मचारी बनकर क्रेडिट कार्ड में प्वाइंट रिडीम करने की बात कहकर उसे झांसे में लिया गया। फर्जी लिंक के माध्यम से उसके फोन में एक ऐप डाउनलोड करवाकर उस ऐप के माध्यम से क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स भरवाकर और उससे ओटीपी पूछकर रुपए ट्रांसफर करके धोखाधड़ी से ठगी कर ली गई। उसकी शिकायत पर पुलिस थाना साइबर अपराध दक्षिण, गुरुग्राम में केस दर्ज करके जांच शुरू की। सहायक पुलिस आयुक्त साइबर अपराध प्रियांशु दिवान के नेतृत्व में थाना साइबर अपराध दक्षिण प्रबंधक निरीक्षक नवीन कुमार की टीम ने शुक्रवार की देर रात सेक्टर-30 स्थित कॉल सेंटर पर छापेमारी की गई। मौके से छह आरोपियों को काबू किया गया, आरोपियों की पहचान अंसार खान (उम्र 31 वर्ष, शिक्षा 5वीं), अहजाज (उम्र-27 वर्ष, शिक्षा 5वीं) दोनों निवासी जुरहेरा जिला भरतपुर (राजस्थान), निसार खान (उम्र-20 वर्ष, शिक्षा 7वीं) निवासी रामपुरा, जिला अलवर (राजस्थान), योगेंद्र (उम्र-29 वर्ष, शिक्षा 12वीं) निवासी कर्मपुरा एफ ब्लॉक, दिल्ली, सूरज कुमार (उम्र-26 वर्ष, शिक्षा 12वीं) रामपुरा भिवाड़ी, जिला अलवर (राजस्थान) व सरिता (उम्र-25 वर्ष, शिक्षा 12वीं) निवासी शीतला खेत सरला रौतेला, जिला अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के रुप में हुई। पुलिस द्वारा काबू किए गए सभी आरोपियों के खिलाफ शनिवार को केस दर्ज करके गिरफ्तार किया गया।
आरोपियों से पुलिस पूछताछ में पता चला है कि कॉल सेंटर का मालिक/संचालक अनुज नामक व्यक्ति है। वह कभी-कभी कॉल सेंटर पर आता है। अनुज द्वारा इस कॉल सेन्टर को पिछले तीन महीनों से संचालित किया जा रहा है। आरोपी अनुज के बताए अनुसार लोगों को फोन करके उनसे सम्पर्क करते हैं। स्वयं को बैंक का कर्मचारी बताकर व क्रेडिट कार्ड को रिडीम करने का लालच देते हुए एक फेक ऐप का लिंक उन्हें भेज देते हैं। फिर उस ऐप को उनके फोन में इंस्टाल करवाकर उस ऐप में क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स भरवाते है और ओटीपी पूछकर उसके क्रेडिट कार्ड से रुपए ट्रांसफर कर लेते है। ये उन ट्रांसफर किए गए रुपए का पेट्रो कार्ड खरीदकर टैक्सी ड्राइवरों को बेच देते हैं। फिर उन रुपए को नकदी में बदलकर प्राप्त कर लेते। पुलिस टीम द्वारा आरोपियों के कब्जा से कुल 11 मोबाइल फोन बरामद किए गए है।

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