फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान की साझीदारी में स्वदेशी लड़ाकू जेट इंजन विकसित करेगा भारत

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  • भारत ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने की दिशा में भी कदम आगे बढ़ाए

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: अगली पीढ़ी के लड़ाकू जेट इंजन को लेकर उहापोह के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को बड़ा खुलासा किया है कि भारत इंजन विकसित करने के लिए फ्रांस की कंपनी सफ्रान के साथ साझीदारी करेगा। उन्होंने कहा कि हमने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने की दिशा में भी कदम आगे बढ़ाने के साथ ही 97 एलसीए मार्क-1ए विमानों के ऑर्डर को मंजूरी दे दी गई है, जिसका मूल्य लगभग 66 हजार करोड़ रुपये है।
केंद्र सरकार ने 19 अगस्त को वायु सेना के लिए 97 और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क-1ए लड़ाकू विमान खरीदने को मंजूरी दी है। इससे पहले 83 तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट के सौदे पर 03 फरवरी, 2021 को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ हस्ताक्षर हुए थे। इस तरह 97 विमानों का ऑर्डर दिए जाने के बाद एचएएल में भारतीय वायु सेना के लिए कुल 180 विमानों का उत्पादन किया जाना है। एचएएल के साथ 83 तेजस मार्क-1ए का सौदा होने के समय अनुबंध के मुताबिक 2023 से आपूर्ति शुरू होनी थी और 2027 तक पूरे 83 विमान वायु सेना को मिलने थे।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने 83 विमानों का ऑर्डर मिलने पर प्रति वर्ष 16 जेट तैयार करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 97 विमानों का और ऑर्डर मिलने पर उत्पादन की गति दाेगुनी करते हुए प्रति वर्ष 30 जेट का उत्पादन करने की तैयारी है। विमानों की आपूर्ति में देरी के कारण वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह की आलोचना का सामना करने के बावजूद इस विमान के लिए इंजन का मुद्दा बेचैन करने वाला है, क्योंकि लंबे इंतजार के बाद भारत को अमेरिका से अभी तक सिर्फ दो जीई-404 इंजन मिल पाए हैं और बाकी के लिए आपूर्ति का इंतजार है। हालांकि, अमेरिका ने इसी साल के अंत तक 12 और 2026 में 20 इंजनों की डिलीवरी करने का भरोसा दिया है, लेकिन ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद लड़ाकू जेट के निर्माण में तेजी लाने की योजना बनी।
रक्षा मंत्रालय ने पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ लड़ाकू विमान का इंजन विकसित करने के लिए फ्रांस के साथ साझीदारी का सुझाव केंद्र सरकार को दिया है। इस पर भारत ने फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान के साथ भी इंजन निर्माण में साझेदारी के वार्ता शुरू की। साथ ही केंद्र सरकार ने स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के मकसद से भारत में बनने वाले पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है।हालांकि, शुरुआती एएमसीए मॉडल में अमेरिका निर्मित जीई 414 इंजन का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन स्वदेशी इंजन का विकास होने के बाद लड़ाकू जेट इंजन तकनीक में आत्मनिर्भरता आएगी। इसी इंजन को एएमसीए मार्क-2 में एकीकृत करने की योजना है, जिसके 2030 के दशक की शुरुआत में सेवा में आने की उम्मीद है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राजधानी में एक कार्यक्रम में पुष्टि कर दी कि भारत अगली पीढ़ी के लड़ाकू जेट इंजन विकसित करने के लिए फ्रांस की कंपनी सफ्रान के साथ साझीदारी करेगा। आज हम पांचवीं पीढ़ी का फाइटर एयरक्राफ्ट बनाने और एयरक्राफ्ट का इंजन भी भारत में ही बनाने की तरफ बढ़ चुके हैं। हम लोग फ्रेंच कंपनी सफ्रान के साथ इंजन मेकिंग का काम भारत में शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा तेजस एयरक्राफ्ट भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता का शानदार उदाहरण बनने वाला है। ऐसा नहीं है कि हमें इस काम में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है, मगर हमने यह तय किया है कि अब हम हर समस्या का समाधान निकालेंगे और भारत में फाइटर एयरक्राफ्ट बनाने की पूरी क्षमता जरूर खड़ी करेंगे।

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