मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री खट्टर से की भेंट,आगामी कुंभ 2027 के लिए बुनियादी ढांचे के विकास लिए मांगा सहयोग

देहरादून{ गहरी खोज }: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय केंद्रीय ऊर्जा और शहरी मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भेंट की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश, हरिद्वार और अन्य तीर्थ क्षेत्रों में आगामी कुंभ 2027 को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढांचे के विकास और आवास योजनाओं सहित राज्य से कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कर केंद्र सरकार से सहयोग मांगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश के गंगा कॉरिडोर में एसटी/एलटी विद्युत लाइनों के भूमिगतकरण और स्वचालन से जुड़े 547.83 करोड़ की डीपीआर को आरडीएसएस योजना के अंतर्गत स्वीकृति मिलने पर केंद्रीय मंत्री का आभार जताया। साथ ही हरिद्वार कुंभ क्षेत्र के लिए 315 करोड़ के समान प्रस्ताव को भी आरडीएसएस योजना में शामिल कर शीघ्र अनुमोदन की मांग की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत श्वेत सूची और प्रतिदेय वाउचर प्रणाली के कारण निजी डेवलपर्स परियोजनाओं में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती 40:40:20 की चरणबद्ध भुगतान प्रणाली को पुनः लागू करने और योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में राज्य में एएचपी घटक के अंतर्गत 15960 आवासीय इकाइयों का निर्माण प्रगति पर है। इनमें से 15281 इकाइयां लाभार्थियों को आवंटित की जा चुकी हैं। परंतु ईडब्ल्यूएस वर्ग के लाभार्थियों की असंगठित आय एवं कम सिबिल स्कोर के कारण अग्रणी बैंकों से ऋण सुविधा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि बैंकों, एनबीएफसी, एसएलबीसी और आरबीआई को इस विषय में विशेष दिशा-निर्देश जारी किए जाएं ताकि अधिक से अधिक लाभार्थी योजना का लाभ उठा सकें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ऋषिकेश-गंगा, हरिद्वार-गंगा और टनकपुर स्थित शारदा रिवरफ्रंट को विश्वस्तरीय धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों के रूप में विकसित कर रही है। उन्होंने टीएचडीसी की सीएसआर निधि से 100 करोड़ के सहयोग का अनुरोध किया और कहा कि यह प्रयास न केवल नमामि गंगे कार्यक्रम को बल देगा, बल्कि सतत पर्यटन और स्थानीय आजीविका को भी बढ़ावा देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग प्राप्त होने पर उत्तराखंड आगामी कुंभ के भव्य, सुरक्षित एवं पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील आयोजन के साथ-साथ आवास एवं आधारभूत संरचना विकास के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई की ओर निश्चित ही आगे बढ़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने हर सम्भव सहयोग के लिए आश्वासन दिया।