कामयाबी के रास्ते का कांटा हैं ये 5 चीजें, नीम करोली बाबा ने इनसे दूर रहने की दी है सीख

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धर्म { गहरी खोज } :बाबा नीम करोली भारत के महान आध्यात्मिक गुरुओं में शामिल हैं। उनके भक्त न केवल भारत बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से नैनीताल स्थित कैंची धाम आते हैं। उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं को लोग आज भी आत्मसात करते हैं। नीम करोली बाबा ने कामयाब होने के लिए कुछ चीजों से दूरी बनाने की सीख दी है। आज हम आपको इसी के बारे में अपने इस लेख में जानकारी देंगे। नीम करोली बाबा के द्वारा बताई गई इन बातों को समझकर आप भी खुद में कई बदलाव कर सकते हैं।

ईर्ष्या करने से बचें
नीम करोली बाबा के अनुसार ईर्ष्या करने से व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का ही नाश करता है। इसके कारण आपको सफलता भी नहीं मिलती है। इसलिए कभी भी दूसरों से ईर्ष्या आपको नहीं करनी चाहिए। आपका ईर्ष्यालू स्वभाव आपको असामाजिक भी बनाता है और मानसिक परेशानियों को कारण भी बनता है।

लालच है बुरी बला
नीम करोली बाबा के अनुसार जो व्यक्ति लालची होता है उसको जीवन में ना ही बरकत मिलती है और ना सफलता। लालच करने वाला व्यक्ति हमेशा अपने हित के बारे में सोचता है, जो समाज के बीच रहने वाले वाले व्यक्ति का अच्छा गुण नहीं है। इसलिए लालच करने से हमें बचना चाहिए, लालच हमारी सफलता के राह का कांटा है।

अहंकार करने से बचें
जो व्यक्ति अहंकार में जीता है उसे कभी जीवन में सही राह नहीं मिलती। अहंकार के वशीभूत होकर व्यक्ति गलत संगति में भी पड़ जाता है। साथ ही ऐसे लोगों से अच्छे लोग हमेशा दूरी बनाते हैं। नीम करोली बाबा के अनुसार अहंकार रुपी कांटे को अगर आप अपने चरित्र से निकाल देते हैं तो सफलता जरूर आपके कदम चूमती है। वहीं जो लोग अहंकार में जीते हैं उन्हें सफल होने में बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

क्रोध करने से बचें
क्रोध से भी नीम करोली बाबा बचने को कहते हैं। क्रोध में आकर व्यक्ति दूसरों का नहीं बल्कि अपना ही अहित कर देता है। क्रोध करने से मानसिक शांति भी भंग होती है और आप अपने उद्देश्य से भी भटक जाते हैं। इसलिए आपको क्रोध पर हमेशा नियंत्रण रखना चाहिए।

नकारात्मक लोगों से दूरी
नीम करोली बाबा के अनुसार हमें अपनी संगति का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे लोगों से हमेशा दूरी बनानी चाहिए जो नकारात्मक बातें करते हैं या गलत कार्यों में लिप्त रहते हैं। ऐसे लोगों से दोस्ती करने पर आप सफलता के पथ से भटक सकते हैं। वहीं अच्छी संगति में रहकर आप अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

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