लोकतंत्र में विपक्ष जरुरी लेकिन सरकार के काम में बाधा डालना अलोकतांत्रिकः किरेन रिजिजू

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का होना चाहिए। विरोध करना या असहमति जताना अपनी बात कहने का लोकतांत्रिक तरीका है, लेकिन संसद में सरकार के काम में बाधा डालना और उसे रोकना अलोकतांत्रिक है। देश और उच्चतम न्यायालय के खिलाफ बयान देकर, भारत के चुनाव आयोग को गाली देकर, आप संविधान को कमजोर कर रहे हैं। गुरुवार को संसद का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद संसद परिसर में आयोजित प्रेसवार्ता में किरेन रिजिजू ने कहा कि सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा कुल 15 विधेयक पारित किए गए। मानसून सत्र में कामकाज 100 प्रतिशत सफल रहा।
रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए तीन विधेयकों के खिलाफ विपक्ष के विरोध प्रदर्शन की भी तीखी आलोचना की। इन विधेयकों में गंभीर आपराधिक आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि यह एक क्रांतिकारी प्रस्ताव है। कुछ दल खुद को बचाने के लिए कानून बनाते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यालय को भी इस प्रस्तावित कानून के दायरे में लाने का फैसला किया, जो एक बड़ा फैसला है।कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करके सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। यह सरल विधेयक भी विपक्ष के समझ नहीं आ रहा है। अभी इस विधेयक पर एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन होना है। उसपर चर्चा होगी लेकिन विपक्ष चर्चा के लिए तैयार ही नहीं है। सिर्फ सदन में प्लेकार्ड और पत्थर लेकर कार्यवाही में व्यवधान डालने की कोशिश करते हैं, जो अलोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा कि भाजपा कई सालों तक विपक्ष में रही है लेकिन इस तरह का व्यवहार कभी नहीं किया।

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