अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतें साल के अंत तक 3,600 डॉलर तक पहुंचने की आशंका: वेंचुरा

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: वैश्विक आर्थिक प्रतिकूलताओं, भू-राजनीतिक जोखिमों और मजबूत निवेश मांग से दिसंबर के अंत तक वैश्विक बाजारों में सोने की कीमतें 3,600 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। वेंचुरा सिक्योरिटीज ने यह बात कही। वेंचुरा सिक्योरिटीज ने अपने नवीनतम अनुमान में कहा कि कॉमेक्स सोना वायदा वर्ष के अंत तक 3,600 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस तक पहुंच जाएगा, जो सात अगस्त को 3,534.10 अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। घरेलू मोर्चे पर अक्टूबर में आपूर्ति किए जाने वाले सोने के अनुबंधों का वायदा भाव आठ अगस्त को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर 1,02,250 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। ‘स्टॉक ब्रोकिंग’ कंपनी ने कहा, ‘‘ अमेरिका की कमजोर वृद्धि, अमेरिकी डॉलर सूचकांक पर निरंतर दबाव, व्यापार तनाव और बढ़े हुए भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण सोने में स्पष्ट अस्थिरता के साथ ऊपर की ओर बढ़ने का अनुमान है।’’
वैश्विक मांग के रुझान इस तेजी को और मजबूत कर रहे हैं। 2025 की दूसरी तिमाही में सोने की मांग सालाना आधार पर तीन प्रतिशत बढ़कर 1,249 टन हो गई। इसका मूल्य 132 अरब अमेरिकी डॉलर था जो मूल्य के लिहाज से 45 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के माध्यम से निवेश प्रवाह विशेष रूप से मजबूत रहा है, 30 जून तक वैश्विक गोल्ड ईटीएफ होल्डिंग 16 प्रतिशत बढ़कर 3,616 टन हो गईं। कंपनी ने कहा कि उनकी प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) सालाना आधार पर 64 प्रतिशत बढ़कर 383 अरब अमेरिकी डॉलर हो गईं। इस बीच, भारत में भी वैश्विक रुझान देखने को मिला। घरेलू गोल्ड ईटीएफ में 30 जून तक के वर्ष में ‘होल्डिंग’ 42 प्रतिशत बढ़कर 66.68 टन हो गई, जबकि एयूएम लगभग दोगुना होकर 64,777 करोड़ रुपये हो गया।
गोल्ड ईटीएफ में निवेशक खाते 41 प्रतिशत बढ़कर 76.54 लाख हो गए, जो पिछले चार वर्ष में 317 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वेंचुरा ने कहा कि निवेशकों का व्यवहार बदल रहा है। युवा पीढ़ी ईटीएफ, आंशिक स्वामित्व एवं डिजिटल गोल्ड मंच जैसे सोने में निवेश के डिजिटल तरीकों को पसंद कर रही है। भौतिक आभूषणों की मांग मजबूत बनी हुई है। साथ ही ऑफलाइन एवं ऑनलाइन माध्यमों को मिलाकर हाइब्रिड रणनीतियां जोर पकड़ रही हैं।
वेंचुरा के जिंस प्रमुख एन.एस. रामास्वामी ने कहा, ‘‘ मुद्रास्फीति के दबाव, अमेरिकी डॉलर में नरमी और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के साथ हमें 2025 के शेष हिस्से में सोने की कीमतों में निरंतर वृद्धि के आसार नजर आ रहे हैं।’’ रामास्वामी ने कहा, ‘‘ …यह दर्शाता है कि कॉमेक्स सोना वर्ष के अंत तक 3,600 अमेरिकी डॉलर के स्तर को छू सकता है। इसे मजबूत ईटीएफ प्रवाह, केंद्रीय बैंकों की स्थिर खरीद और भारत के स्वर्ण निवेश बाजार में मजबूत खुदरा भागीदारी से समर्थन मिलेगा।’’

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