संविधान संशोधन विधेयक विपक्ष को आतंकित करने के लिए हैं : राउत

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मुंबई{ गहरी खोज }: शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि गंभीर अपराधों के आरोपों में गिरफ्तार किये जाने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को उनके पद से हटाने का प्रावधान करने वाले विधेयक का उद्देश्य विपक्षी दलों के नेतृत्व वाली सरकारों को आतंकित करना है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना के मंत्रियों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर यह कानून लागू हो गया, तो उन्हें हर दिन जेल जाना पड़ेगा।
राउत ने कहा, ‘‘नये कानूनों का उद्देश्य विपक्ष दलों की सरकारों को आतंकित करना और उनमें भय पैदा करना है। नये कानूनों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्यों में विभिन्न दलों की सरकारें भाजपा में शामिल हो जाए, अन्यथा मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का खतरा मंडराता रहेगा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि ये नये कानून तानाशाही के प्रतीक हैं।
राज्यसभा सदस्य राउत ने पूछा कि सरकार का दावा है कि राजनीति में नैतिकता होनी चाहिए, लेकिन क्या उन्होंने पिछले 10 वर्षों में सरकार में इसका पालन किया है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में गंभीर अपराधों के आरोपों में 30 दिनों तक गिरफ्तार रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया, जिसका विपक्ष ने कड़ा विरोध किया।
इस विधेयक में प्रस्ताव दिया गया है कि अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या मुख्यमंत्री को कम से कम पांच साल की जेल की सज़ा वाले अपराधों के लिए लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार किया जाता है और हिरासत में रखा जाता है, तो 31वें दिन उन्हें अपने पद से हटना होगा।

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