बुध प्रदोष के दिन जरूर पढ़ें ये कथा, जान लें पूजा का शुभ मुहूर्त

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धर्म { गहरी खोज } : कहते हैं बुध प्रदोष व्रत रखने से कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत हो जाती है। इसके साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन की पूजा के लिए प्रदोष काल का समय सबसे शुभ माना जाता है। 20 अगस्त 2025 को प्रदोष काल 07:08 PM से 09:22 PM तक रहेगा। यहां आप जानेंगे बुध प्रदोष की संपूर्ण कथा विस्तार से यहां।

बुध प्रदोष व्रत कथा
प्राचीन काल की बात है एक पुरुष का नया-नया विवाह हुआ था और विवाह के 2 दिनों बाद ही उसकी पत्‍नी मायके चली गई थी। कुछ दिनों के बाद वह पुरुष अपनी पत्‍नी को लेने उसके घर गया। बुधवार को जब वह अपनी पत्‍नी के साथ लौटने लगा तो ससुराल पक्ष ने उसे रोकने का प्रयत्‍न किया कि विदाई के लिए बुधवार का दिन शुभ नहीं होता है। लेकिन वह नहीं माना जबरदस्ती अपनी पत्‍नी को विदा करा लाया। जब पति पत्नी बैलगाड़ी से जा रहे थे तो कुछ देर बाद पत्नी को प्यास लगी। तब उसका पति पानी लेने निकल पड़ा। जब वह पानी लेकर आया तो उसने देखा की उसकी पत्नी किसी दूसरे पुरुष द्वारा लाए गये पानी को पी रही थी और उससे हस-हस कर बात भी कर रही थी। ये देखकर उसे गुस्सा आ गया और दूसरे पुरुष से लड़ने के लिए उसके पास पहुंचा।

परंतु आश्चर्य की बात ये थी कि वो जिस पुरुष से लड़ रहा था वह बिल्कुल उसकी तरह दिखता था। काफी देर तक लड़ने के कारण वहां पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और उस नगर के सिपाही भी आ गए। सिपाही ने महिला से पूछा की ये बताओ इनमें से कौन सा तुम्हारा पति है? महिला भी असमंजस में पड़ गई क्योंकि दोनों बिल्कुल एक जैसे थे। इस स्थिति को देखकर पुरुष को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह भगवान शिव से हाथ जोड़कर विनती करने लगा। हे प्रभु हमारी रक्षा करे, मुझसे बहुत बड़ी भूल हो गई जो मैं अपनी पत्नी को जबरदस्ती बुधवार को विदा करा के लाया। मैं भविष्य में फिर ऐसे गलती कभी नहीं करूंगा। जैसे ही उसने भगवान से प्रार्थना की दूसरा व्यक्ति अंतर्ध्यान हो गया। फिर वह पुरुष अपनी पत्नी को लेकर घर चला गया। तब से उन दोनों पति-पत्नी ने नियमपूर्वक बुधत्रयोदिशी का व्रत करना शुरू कर दिया।

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