मप्र में 371.95 करोड़ की लागत से बनेगा ईएमसीएस, कैबिनेट ने गीता भवन और वेलनेस सेंटर को भी दी स्वीकृति

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भोपाल{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में मंत्रि-परिषद द्वारा 371.95 करोड़ रुपये की लागत से भोपाल के बैरसिया क्षेत्र स्थित ग्राम बांदीखेड़ी में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसीएस 2.0) बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह क्लस्टर 210.21 एकड़ भूमि पर स्थापित होगा और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश के नगरीय निकायों में गीता भवन और वेलनेस सेंटर बनाने को भी स्वीकृति दी गई है।
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक में लिए गई निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद ने भोपाल जिले के बैरसिया तहसील में इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर 2.0 को मंजूरी दे दी है। बांदीखेड़ी में बनाए जाने वाले इस क्लस्टर के जरिए प्रदेश के इंजीनियरिंग करने वाले युवाओं को गाइडेंस भी देगी। विज्ञान और टेक्नालॉजी विभाग इसका नोडल विभाग है। यह क्लस्टर रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए काम करेगा। इसमें 371 करोड़ रुपये के निवेश की सैद्धांतिक स्वीकृति मिली है। इसमें 225 करोड़ राज्य सरकार खर्च करेगी और और 146 करोड़ रुपये भारत सरकार देगी। रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के रूप में यह काम करेगा। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) निर्माण की संभावनाओं के द्वार खुलेंगे, साथ ही 10 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के प्रमुख शहरों में गीता भवन बनाने के लिए मंजूरी दी गई है। सरकार चाहती है कि ये भवन प्रवचन का नहीं संस्कृति का भी केंद्र बनें। यहां लाइब्रेरी हो, कैफेटेरिया हो, धार्मिक केंद्र बने। कलेक्टरों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि नगर निगम या नपा के पास जमीन नहीं हो तो राजस्व की जमीन एक रुपए मूल्य पर दी जाए। पांच साल के लिए यह योजना है। पांच साल में गीता भवन बन जाने चाहिए। अभी भवन बनाने के लिए राशि तय नहीं की गई है। इसका निर्माण पीपीपी मोड पर या निकाय की खुद की आय के आधार पर भी बनाया जा सकता है।
विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा के संकल्प पत्र में कहा गया था कि हर संभाग में आयुष चिकित्सालय और वेलनेस सेंटर बनाया जाएगा। इसी तारतम्य में पांच शहरों सागर, शहडोल, नर्मदापुरम और बालाघाट में आयुर्वेद महाविद्यालय और वेलनेस सेंटर बनाने के लिए मंत्रि-परिषद द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके लिए 350 करोड़ रुपये की अनुमानित स्वीकृति दी गई है। यहां आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा। एक महाविद्यालय की निर्माण लागत 70 करोड़ होगी। इन सेंटर्स में रुककर लोग आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ ले सकेंगे।
इसके साथ ही भोपाल के जीएमसी में इंडो क्राइनोलॉजी रिसर्च सेंटर बनाने को भी मंत्रि-परिषद ने मंजूरी दी है। इसके बाद अब यहां इंडो क्राइनोलॉजी के एक्सपर्ट आएंगे। वर्तमान में एमबीबीएस की 250 सीट अभी उपलब्ध है। भारत सरकार की योजना के अंतर्गत अभी इसमें 134 सीटों के लिए मंजूरी दी गई है। इसके लिए 20 पद मंजूर हुए हैं। सहायक प्राध्यापक, सीनियर रेसिडेंट, जूनियर रेसिडेंट, सीनियर नर्सिंग आफिसर, प्राध्यापक, नर्सिंग आफिसर के पद मंजूर हुए हैं। इसकी एक करोड़ की लागत आएगी। थायराइड, शुगर जैसे रोगों के लिए ये जरूरी है और रिसर्च के बाद इसके जरिए सही इलाज देने में आसानी होगी।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कि एससी-एसटी वर्ग के विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति मिलती है। अभी तक आदिवासी बच्चों को एक साल में शिष्यवृत्ति दस महीनों के लिए दी जाती थी। अब 12 महीने की शिष्यवृत्ति दी जाएगी। इसे मंत्रि-परिषद ने स्वीकृति दे दी है। इस योजना में आदिवासी बच्चों को 1650 और आदिवासी बेटियों को 1700 स्कॉलरशिप दी जाती है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के नियमों के अंतर्गत अवकाश के नियमों में बदलाव को मंजूरी दी गई है। महिला शासकीय सेवकों को कमीशनिंग की पात्रता है। इसके लिए वे अपनी गोद का उपयोग न कर दूसरे की गोद का उपयोग कर बच्चे के लालन पालन की जिम्मेदारी निभा सकेंगी। सरोगेट मदर व्यवस्था से यह जुड़ा है। अवकाश विभागों में 15 दिन का पितृत्व अवकाश तथा संतान पालन अवकाश की पात्रता सिंगल पैरेंट्स को दी जाएगी। यह नए प्रावधान केंद्र सरकार के नियमों के आधार पर लागू करने को मंजूरी दी गई है।
विजयवर्गीय ने बताया कि मुरैना जिले के कैलारस की शुगर फैक्ट्री काफी समय से बंद है। पहले इसे बेचने का प्रस्ताव था और एमएसएमई का सेंटर बनाया जाए। किसान यहां शक्कर कारखाना ही चाहते हैं। इसलिए किसान चाहेंगे तो इसे चालू करने का काम किया जाएगा। मंत्रि-परिषद ने इसे सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। बैठक में अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।

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