युद्ध तो रुका नहीं लो पुतिन से फिर दोस्ती हो गई

संपादकीय { गहरी खोज }: अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की एक बड़ी समस्या के साथ-साथ 2 सबसे बड़ी इच्छाएं भी हैं। ट्रम्प की एक बड़ी समस्या है लोगों का ध्यान एपस्टीन फाइलों से हटाना। वहीं उनकी 2 बड़ी इच्छाओं में से एक है अपने परिवार की सम्पत्ति बढ़ाना और दूसरी है किसी न किसी तरह नोबेल पुरस्कार प्राप्त करना जिसके लिए वह तमाम कवायदें कर रहे हैं। चुनाव से पूर्व ट्रम्प ने अपने ‘मागा’ समर्थकों को आश्वासन दिया था कि राष्ट्रपति बनते ही एपस्टीन फाइलों को सार्वजनिक करेंगे परन्तु ऐसा उन्होंने अभी तक नहीं किया और आए दिन कोई न कोई अप्रिय सूचना देकर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचते रहते हैं।
लोगों की नजरों से इसे ठंडे बस्ते में डालने के लिए इस वार्ता का सफल होना आवश्यक था। पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की अमरीका यात्रा के दौरान ट्रम्प से भेंट को नोबेल पुरस्कार पाने की दिशा में ही एक प्रयास का हिस्सा माना जा रहा था। अब ट्रम्प रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध समाप्त करने को नोबेल पुरस्कार जीतने के टिकट के रूप में देखते हैं।
जहां अलास्का में पुतिन के साथ अपनी बैठक से पूर्व ट्रम्प ने कथित तौर पर नार्वे के वित्त मंत्री को फोन करके यह कहा कि यूक्रेन में शांति स्थापित करने के बाद उन्हें ‘नोबेल पुरस्कार’ मिलना चाहिए। वहीं पुतिन ने आने से पहले यह मांग रखी थी कि यूक्रेनी क्षेत्र दोनेत्स्क और लुहान्स्क दे दिया जाए तो युद्ध विराम हो सकता है।
अलास्का में पुतिन के निकट आते ही ट्रम्प ने ताली बजाई। दोनों नेताओं ने पुराने दोस्तों की तरह एक-दूसरे का अभिवादन किया और गर्म जोशी से हाथ मिला कर वार्ता की शुरुआत की जो 3 घंटों तक चली। पुतिन की अमरीका यात्रा से कुछ समय पहले तक तो ट्रम्प रूस को धमकियां देते आ रहे थे कि समझौता न होने पर मैं यह कर दूंगा या वह कर दूंगा परंतु इस मुलाकात में उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं कही जिससे तनाव पैदा हो।
पुतिन के लिए यह एक अच्छी यात्रा थी क्योंकि 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद से ही पश्चिमी देशों ने उनसे दूरी बना कर रखी हुई थी परंतु उनकी इस यात्रा ने इस स्थिति को कुछ बदल दिया। ट्रम्प अपनी बख्तरबंद कार में उन्हें बिठा कर वार्ता स्थल तक लेकर गए और इस दौरान दोनों नेता आपस में हंस-हंस कर बातें करते नजर आए।
पुतिन के लिए ट्रम्प के साथ इस प्रकार बैठ कर जाना अपने लोगों को यह दिखाने का अच्छा मौका था कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति ने उनका स्वागत एक ‘बड़े आदमी’ के रूप में किया है। रूस के सरकारी मीडिया ने यह दृश्य और लाल कालीन पर उनका स्वागत किए जाने की रील बार-बार दिखाई।
पुनिन के साथ ट्रम्प का यह व्यवहार इसी वर्ष फरवरी में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की अमरीका यात्रा के दौरान उनके साथ किए गए व्यवहार से पूरी तरह भिन्न था जब उन्होंने जेलेंस्की को व्हाइट हाऊस से बाहर निकाल दिया था। ट्रम्प ने संवाददाताओं से कहा कि वह यूरोप के नेताओं तथा जेलेंस्की को इस वार्ता के बारे में बताएंगे।
ट्रम्प ने भी वार्ता के दौरान यूक्रेन या युद्ध विराम की संभावना का उल्लेख नहीं किया और ज्यादा से ज्यादा इतना ही कहा कि एक सप्ताह में 5,6,7 हजार लोग मारे जा रहे हैं और पुतिन भी चाहते हैं कि इस युद्ध का अंत हो जाए। हालांकि अलास्का शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में शांति स्थापना के विषय में कोई प्रगति नहीं हुई और ट्रम्प द्वारा सिवाय ‘ग्रेट प्रोग्रैस’ कहने की कोई ठोस बात उभर कर सामने नहीं आई लेकिन इससे रूस और अमरीका के बीच सहमति बनने की संभावना जरूर मजबूत हुई है।
ट्रम्प ने कहा हमने अनेक मुद्दों पर सहमति की है बस कुछ मुद्दे बाकी रह गए हैं जो ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं हैं, लेकिन उन पर भी सहमति होने की काफी संभावना है। ट्रम्प ने कहा कि उन्हें एक बार फिर पुतिन के साथ भेंट होने की उम्मीद है तो पुतिन ने कहा-अगली बार यह मुलाकात मास्को में होगी। इस पर ट्रम्प ने उत्तर दिया-यह दिलचस्प रहेगा।
बहरहाल ट्रम्प-पुतिन वार्ता के बाद नाटो के सदस्य देशों में यह संशय उत्पन्न हो गया है इसलिए नाटो के सदस्य देशों ने यह सोचना शुरू कर दिया है कि अब उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं ही कुछ करना होगा और जेलेंस्की को तो यह आदेश ट्रम्प ने सोमवार की मुलाकात से पहले दे दिया है कि वह रूस से स्वयं युद्ध समाप्ति की बात करें तो ऐसे में अब
ट्रम्प नोबेल पुरस्कार पाने के लिए क्या करेंगे? तो देखना है कि ट्रम्प अब नया हंगामा क्या करेंगे?