पकोड़े नहीं, ‘ज़हर’ बेच रहा था अंकल, प्लास्टिक वाले तेल पर FSSAI ने लिया एक्शन

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: स्ट्रीट फूड का स्वाद जितना लाजवाब लगता है। उसे बनाने में अक्सर लोग उतना ही लापरवाही बरतते हैं। हाल ही में लुधियाना का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें एक अंकल पकोड़े बनाने के लिए प्लास्टिक वाले तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन जिस तरीके से तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है वह बहुत ही अजीब और सेहत के लिहाज़ से खतरनाक है। ये अंकल तेल निकालने के लिए प्लास्टिक को कट करने की बजाय गर्म तेल की कड़ाही में प्लास्टिक को ही डूबा देते हैं और पूरा तेल एक ही बारे में निकल जाता है। इस तरह का स्टंट सेहत के लिए ज़हर समान है। इस वडियो को देखने के बाद FSSAI ने तुरंत कार्रवाई की है।
FSSAI ने शेयर किया पोस्ट
इस घटना के बाद, FSSAI ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि इस वडियो को देखने के बाद पंजाब फ़ूड सेफ्टी विभाग ने वीडियो ब्लॉग स्टंट विक्रेता के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की है। उन्होंने जांच के लिए तीन फ़ूड सैंपल इकठ्ठा कर चालान जारी किया है। यह घटना फूड सेफ्टी के नियमों के महत्व को रेखांकित करती है और फ़ूड वेंडर की असुरक्षित प्रथाओं के कारण उपभोक्ताओं को होने वाले संभावित खतरों को उजागर करती है।
तेल में प्लास्टिक है ज़हर:
जब प्लास्टिक तेज़ आंच के संपर्क में आता है, तो उसमें मौजूद हानिकारक केमिकल, जैसे फ़थलेट्स और बिस्फेनॉल ए, पिघलकर खाने की चीज़ों में मिल जाते हैं। ये केमिकलकैंसर और कई अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। यह हार्मोनल सिस्टम को प्रभावित करता है और लिवर, किडनी और फेफड़ों को भी नुकसान पहुँचा सकता है।
किया जाता है तेल का लगातार इस्तेमाल :
इस तरह के फूड वेंडर एक ही तेल का इस्तेमाल कई बार करते हैं। एक ही तेल का लगातार इस्तेमाल सेहत के लिए ज़हर से कम नहीं है। जब तेल को बार-बार बहुत ज़्यादा तापमान पर गर्म किया जाता है, तो उसकी संरचना बदल जाती है। इससे हानिकारक यौगिक बनते हैं जो कई गंभीर बीमारियों के लिए ज़िम्मेदार होते हैं।
नागरिक के तौर पर बढ़ जाती है ज़िम्मेदारी:
आपकी सेहत के ज़िम्मदारी आपके हाथों में खुद है। हमेशा ऐसी जगह से खाना खरीदें जहाँ हाइजीन का ध्यान रखा जाता हो। अगर आपको किसी वेंडर के काम करने के तरीके पर शक हो, तो आप उनसे सवाल पूछ सकते हैं। अगर आपको कोई विक्रेता अनहाइजीनिक तरीके से काम करते हुए दिखे, तो तुरंत FSSAI की वेबसाइट या ऐप पर शिकायत करें।