स्कूलों में बच्चों को आरटीई के तहत दाखिला नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण : अशोक गहलोत

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जयपुर{ गहरी खोज }: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बच्चों को शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत स्कूलों में दाखिला नहीं मिलने पर चिंता जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। गहलोत ने शिक्षा विभाग व राज्य सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की है। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ”आज मेरे पास कई अभिभावक आए जिन्होंने राइट टू एजुकेशन (आरटीई) को लेकर अपनी पीड़ा साझा की। उन्होंने बताया कि आरटीई की लॉटरी में चयनित होने के बावजूद उनके बच्चों को सत्र शुरू होने के बाद भी स्कूलों में दाखिला नहीं मिल रहा है।” पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार यह स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण एवं अन्यायपूर्ण है क्योंकि शिक्षा बच्चों का मूलभूत अधिकार है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार ने आरटीई कानून बनाया था ताकि गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को भी निजी स्कूलों में पढ़ने का अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने इसे लागू कर हजारों बच्चों का भविष्य संवारा लेकिन आज की मौजूदा सरकार की लापरवाही के कारण वही बच्चे दर-दर भटक रहे हैं। गहलोत ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में लिखा, ” मैं पूछना चाहता हूं कि अगर चयनित बच्चों को भी स्कूल में दाखिला नहीं मिलेगा तो फिर इस लॉटरी का क्या मतलब है? शिक्षा विभाग और सरकार की जिम्मेदारी है कि हर हाल में इन बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाएं।”

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