जेएसडब्ल्यू स्टील, पॉस्को समूह ने भारत में इस्पात संयंत्र स्थापित करने के लिए मिलाया हाथ

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: जेएसडब्ल्यू स्टील और दक्षिण कोरिया के पॉस्को समूह ने भारत में 60 लाख टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) क्षमता का इस्पात संयंत्र स्थापित करने की संभावना तलाशने के लिए हाथ मिलाया है। अगले कदम के तहत जेएसडब्ल्यू और पॉस्को संयंत्र के स्थान, निवेश शर्तों, संसाधन उपलब्धता और अन्य महत्वपूर्ण कारकों को अंतिम रूप देने के लिए विचार-विमर्श करेंगे।
जेएसडब्ल्यू स्टील ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि उसने भारत में 60 लाख टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) क्षमता वाले एकीकृत इस्पात संयंत्र की स्थापना की संभावना तलाशने के लिए एक गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापन (एचओए) पर हस्ताक्षर किए हैं। प्राकृतिक संसाधन आधार और संभार-तंत्रीय लाभों को देखते हुए ओडिशा उन प्रमुख स्थानों में से एक है, जहां संयंत्र लगाने पर पर विचार किया जा रहा है।
इस्पात विनिर्माता ने कहा, ‘‘ यह गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापन अक्टूबर 2024 में दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर आधारित है। साथ ही प्रस्तावित 50:50 संयुक्त उद्यम के लिए व्यापक रूपरेखा पेश करता है।’’ गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापन पर मुंबई में पॉस्को होल्डिंग्स के प्रतिनिधि निदेशक एवं अध्यक्ष ली जू-ताई और जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जयंत आचार्य की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
जेएसडब्ल्यू स्टील के आचार्य ने कहा, ‘‘ यह साझेदारी जेएसडब्ल्यू की सिद्ध निष्पादन क्षमताओं एवं मजबूत घरेलू उपस्थिति को इस्पात विनिर्माण में पॉस्को के प्रौद्योगिकी नेतृत्व के साथ जोड़ती है। प्रस्तावित उद्यम भारत के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है और घरेलू एवं निर्यात दोनों बाजारों की सेवा के लिए एक वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी विनिर्माण केंद्र बनाने में मदद करेगा।’’
ली जू-ताई ने कहा, ‘‘ भारत वैश्विक इस्पात मांग के भविष्य का केंद्रबिंदु है। जेएसडब्ल्यू के साथ हमारा सहयोग आपसी विश्वास एवं साझा दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर आधारित है। यह पहल भारत के औद्योगिक विकास में सहयोग देने और दोनों संगठनों के लिए दीर्घकालिक मूल्य सृजन के प्रति उनकी कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।’’ यह समझौता जेएसडब्ल्यू स्टील और दक्षिण कोरिया के पॉस्को समूह के बीच रणनीतिक सहयोग को गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।