उत्तराखंड के मीसा व भूमिगत सेनानियों को भी मिलेगी राशि, बढ़ेगी पेंशन राशि

0
54ea9c47c26587f552e9d06ad4e65563

देहरादून{ गहरी खोज }: उत्तराखंड सरकार आपातकाल के दौरान जेलों मे प्रताड़नाएं सहने वाले लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही उन्हें परिवहन और स्वास्थ्य समेत अन्य सुविधाएं जा रही है। इसके अलावा आपातकाल के दौरान मीसा व भूमिगत रहकर कार्य करने वाले लोकतंत्र सेनानियों को भी पेंशन व अन्य सुविधाएं देने जाने को लेकर प्रस्ताव को धामी कैबिनेट ने मंजूरी दी गई है। अब इसे गैरसैण में आयोजित विधानसभा में पेश किया जाएगा।
देश में 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था। 21 मार्च 1977 तक चले आपातकाल के दौरान जनसंघ, आरएसएस सहित विपक्षी दलों के नेताओं को जेलों में बंद कर उन्हें यातनाएं दी गई थीं। इनमें उत्तराखंड के भी बहुत से लोग शामिल थे जिन्होंने जेलो में यातनाएं झेलीं थीं। वर्तमान में उत्तराखंड में ऐसे 82 लोकतंत्र सेनानी पंजीकृत हैं। मोदी सरकार 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाती है। इसी क्रम में भाजपा सरकार अपने पूर्व संगठन जनसंघ के लोकतंत्र सेनानियों के परिवारों को सम्मानित करने, उनकी पेंशन राशि बढ़ाने और मीसा व भूमिगत आंदोलन में सक्रिय रहे सेनानियों काे भी शामिल करने की तैयारी कर रही है।
सम्मान निधि के लिए बनेगा कानून उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान निधि देने की शुरूआत हुई थी। तत्कालीन सरकार ने प्रतिमाह 20 हजार रुपये सम्मान निधि देना शुरू किया था, लेकिन मीसा में निरुद्ध व भूमिगत आंदोलन में शामिल रहे सेनानियों को अब तक यह सुविधा नहीं मिल रही है। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सरकार ने नया ड्राफ्ट तैयार किया हैं। इसमें जेलों में बंद रहने वाले लोकतंत्र सेनानियों के साथ ही मीसा व भूमिगत आंदोलन में सक्रिय रहे सेनानियों को भी शामिल करने की योजना है। धामी मंत्रिमंडल के इस प्रस्ताव पर 19 अगस्त को गैरसैण में शुरू हाे रहे मानसून सत्र में अंतिम मोहर लग सकती है। पूर्व की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के शासनादेश को भविष्य में कोई भी सरकार रद्द कर सकती है। इसे रोकने और लोकतंत्र सेनानियों के हक को स्थायी सुरक्षा देने के लिए धामी सरकार इसे कानूनी रूप देने जा रही है। कांग्रेस लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि का लगातार विरोध करती रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *