प्रधानमंत्री मोदी के मंत्र

संपादकीय { गहरी खोज }: देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर लगातार 12वीं बार तिरंगा फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए आतंकवाद, सिंधु जल समझौता, आत्मनिर्भरता, मेड इन इंडिया, नक्सलवाद और अवैध घुसपैठियों से लेकर देश से संबंधित करीब-करीब प्रत्येक समस्या और चुनौती को लेकर अपने विचार रखे। ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के किसान, पशुपालक, मछुआरे, हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं। इससे जुड़ी किसी भी अहितकारी नीति के आगे मोदी दीवार बनकर खड़ा है। भारत, अपने किसानों, पशुपालकों, मछुआरों के संबंध में कभी भी कोई समझौता नहीं स्वीकार करेगा।
जीएसटी की दरों सहित रोजगार की योजनाओं की घोषणा के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जिक्र करते हुए कहा कि आज गर्व के साथ मैं इस बात का जिक्र करना चाहता हूं कि आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। 100 साल की राष्ट्र की सेवा बहुत ही गौरवपूर्ण है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल मां भारती के कल्याण का लक्ष्य लेकर मातृभूमि के लिए अपना जीवन समर्पित किया, सेवा, समर्पण संगठन और अप्रतिम अनुशासन जिसकी पहचान रही है। ऐसा आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है।
खून प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐतिहासिक भाषण की मुख्य बातें इस प्रकार हैं ऑपरेशन सिंदूर में सेना को खुली छूट दीः ‘आज मुझे लाल किले की प्राचीर से ऑपरेशन सिंदूर के वीर जांबाजों को सैल्यूट करने का अवसर मिला है। हमारे सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने जिस प्रकार का कत्लेआम किया। धर्म पूछकर लोगों को मारा। पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था। पूरा विश्व इस संहार से चौंक गया था। ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है। हमने सेना को खुली छूट दी। हमारी सेना ने वो करके दिखाया, जो कई दशकों तक भुलाया नहीं जा सकता। सैकड़ों किमी दुश्मन की धरती में घुसकर आतंकियों को नेस्तनाबूद किया। पाकिस्तान की नींद अभी उड़ी है। पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए खुलासे हो रहे हैं। और पानी एक साथ नहीं बहेगाः सिंधु का समझौता कितना एकतरफा है। भारत का पानी दुश्मनों की धरती को सींच रहा है। मेरे देश की धरती प्यासी है। पिछले कई दशक से इस समझौते ने देश के किसानों का नुकसान किया। अब हमने न्यू नॉर्मल स्थापित किया है। आतंक और आतंकियों को पालने पोसने वालों को अब हम अलग-अलग नहीं मानते। वे मानवता के समान दुश्मन हैं। अब भारत ने तय कर लिया है कि परमाणु धमकियों को हम नहीं सहेंगे। परमाणु ब्लैकमेल अब नहीं सहा जाएगा। आगे भी अगर दुश्मनों ने कोशिश जारी रखी तो हमारी सेना तय करेगी कि सेना की शर्तों पर सेना जो लक्ष्य तय करे उसे हम अमल में लाएंगे। भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा। किसी की लकीर छोटी करने में ऊर्जा न खपाएं: ‘हमें किसी की भी लकीर छोटी नहीं करनी है। किसी की लकीर को छोटा करने में हमें अपनी ऊर्जा नहीं खपानी है। हमें अपनी लकीर लंबी करनी है। हम अगर अपनी लकीर लंबी करते हैं तो दुनिया भी हमारा लोहा मानेगी और ऐसे समय में जब वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, आर्थिक स्वार्थ बढ़ रहा है तो समय की मांग है कि हम उन संकटों पर रोते नहीं बल्कि हिम्मत के साथ अपने रास्ते पर आगे बढ़ते रहे। अगर हमने ये रास्ता चुन लिया तो फिर कोई स्वार्थ हमें अपने चंगुल में नहीं फंसा सकता। बीता दशक रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का रहा है, लेकिन अब हमें और नई ताकत से जुटना है।’ दाम कम, लेकिन दम ज्यादाः दुनिया गुणवत्ता को स्वीकार करती है। हमारी गुणवत्ता सर्वोत्तम होनी चाहिए। सरकार कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने और उत्पादन लागत कम करने के लिए भी प्रयास कर रही है। विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े हम सभी लोगों को एक मंत्र अपनाना चाहिए, दाम कम लेकिन दम ज्यादा। भारत में बने उत्पाद, भारत के नागरिकों की कड़ी मेहनत से बने, हमारी मिट्टी की खुशबू से युक्त, आत्मनिर्भरता के संकल्प को मजबूत करने वाले, हम उन्हीं को खरीदेंगे, उन्हीं का उपयोग करेंगे, और उसी दिशा में आगे बढ़ेंगे। यही हमारा सामूहिक संकल्प होना चाहिए। मोटापा समस्या, लोग घरों में 10 प्रतिशत कम तेल का इस्तेमाल करें: मोटापा हमारे देश के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में हर तीन में से एक व्यक्ति मोटापे से प्रभावित होगा। हमें खुद को मोटापे से बचाना होगा। इसलिए सभी को इसमें भाग लेना होगा और मैंने एक छोटा सा उपाय सुझाया था। परिवारों को यह तय करना चाहिए कि जब घर में खाना पकाने का तेल आए, तो वे 10 प्रतिशत कम तेल का इस्तेमाल करेंगे। ऐसा करके हम मोटापे के खिलाफ लड़ाई जीतने में योगदान देंगे। हमारा अपना मेड इन इंडिया जेट इंजन होः ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आईएसएस से लौट चुके हैं। स्पेस में भी अपने बलबूते पर आगे बढ़ रहे हैं। भारत का भी अपना स्पेस स्टेशन होगा, भारत इस पर काम कर रहा है। 140 करोड़ भारतवासी 2047 में विकसित भारत के संकल्प को परिपूर्ण करने के लिए ताकत से जुटे हैं। भारत को अगर विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था या राजनीतिक ताकत बनना है तो हमें प्रधानमंत्री मोदी के उपरोक्त छः मंत्रों पर अमल करते हुए स्वदेशी अपनाते हुए आत्मनिर्भर बनना होगा।