एशियाई देशों के साथ अब यूरोपीय देशों को अमेरिका ने दिखाई आंख

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि चीन रूस से जो तेल खरीद रहा है, उसे परिष्कृत करता है और फिर उस परिष्कृत तेल को वैश्विक बाजार में बेचा जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘चीन जा रहे और परिष्कृत हो रहे तेल पर गौर कीजिए। उसमें से बहुत सारा तेल वापस यूरोप में बेचा जा रहा है। यूरोप अब भी प्राकृतिक गैस खरीद रहा है। अब कुछ देश ऐसे हैं जो इससे दूरी बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यूरोप अपने प्रतिबंधों के संबंध में और भी बहुत कुछ कर सकता है।
दरअसल, उनसे प्रश्न किया गया था कि क्या यूरोप अब भी रूसी तेल खरीद रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या रूस से तेल और गैस खरीदना जारी रखने के लिए यूरोप पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा रहा है, रुबियो ने कहा, ‘‘देखिए मुझे यूरोप पर प्रत्यक्ष रूप से (प्रतिबंधों) नहीं पता, लेकिन निश्चित रूप से द्वितीयक प्रतिबंध जैसे प्रभाव हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप किसी देश पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाते हैं – मान लीजिए कि आप चीन पर रूसी तेल की बिक्री पर कार्रवाई करते हैं- तो चीन बस उस तेल को परिष्कृत करता है। फिर उस तेल को वैश्विक बाजार में बेच दिया जाता है, और जो कोई भी उस तेल को खरीदता है उसे इसके लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ती है या, यदि वह उपलब्ध नहीं है तो उसे इसके लिए कोई वैकल्पिक स्रोत ढूंढना पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, जब आप सीनेट में प्रस्तावित विधेयक के बारे में बात करते हैं जिसमें चीन और भारत पर सौ प्रतिशत शुल्क लगाने की बात थी- तो हमने कई यूरोपीय देशों से सुना कि इसके क्या अर्थ हो सकते हैं, इस बारे में कुछ चिंता है।” रुबियो ने कहा कि वह इस मामले में यूरोपीय देशों के साथ ‘जैसे को तैसा’ जैसे विवाद में नहीं पड़ना चाहते। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि वे अधिक रचनात्मक भूमिका निभा सकते हैं…।’

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